33वें खान पर्यावरण और खनिज संरक्षण सप्ताह में हिंदुस्तान जिंक की चार इकाइयों को 19 पुरस्कार

सिंदेसर खुर्द प्रथम, आगुचा व कायड़ खदान को द्वितीय स्थान
आगुचा, दरीबा, जावर और कायड़ खदानों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मान
उदयपुर :
देश की एकमात्र और विश्व की दूसरे सबसे बड़ी एकीकृत जिंक-लेड-सिल्वर उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक को 33वें एमईएमसी, खान पर्यावरण और खनिज संरक्षण में विभिन्न श्रेणियों में 19 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। भारतीय खान ब्यूरो, अजमेर क्षेत्र के तत्वावधान में जोधपुर में आयोजित पुरस्कार समारोह के दौरान, यह पुरस्कार प्रदान किये गये।
हिंदुस्तान जिंक द्वारा सतत विकास हेतु प्रथम पुरस्कार, व्यवस्थित और वैज्ञानिक विकास के लिए द्वितीय पुरस्कार, खनिज लाभकारी के लिए तीसरा पुरस्कार, और सिंदेसर खुर्द खान में अपशिष्ट डंप के लिए तीसरा पुरस्कार, जावरमाला खदान ने खनिज संरक्षण में दूसरा और पर्यावरण नियंत्रण में तीसरा स्थान हासिल किया। बरोई खदान ने पर्यावरण नियंत्रण और वानीकीकरण में पहला, प्रचार और प्रसार में दूसरा, खनिज संरक्षण और सतत विकास में तीसरा स्थान हासिल किया। मोचिया खदान को खनिज सज्जीकरण तथा पुनर्ग्रहण एवं पुनर्वास में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। इसके अलावा, राजपुरा दरीबा खदान ने मिनरल बेनिफिसिएशन में पहला पुरस्कार, व्यवस्थित और वैज्ञानिक विकास में दूसरा पुरस्कार और रिक्लेमेशन और पुनर्वास में तीसरा पुरस्कार जीता। आगुचा खदान को अपशिष्ट डंप प्रबंधन, सुधार और पुनर्वास में प्रथम पुरस्कार और व्यवस्थित और वैज्ञानिक विकास में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। कायड माइन ने व्यवस्थित और सतत विकास और प्रचार और प्रसार में पहला पुरस्कार, सतत विकास और समग्र प्रदर्शन में दूसरा पुरस्कार जीता।

इस उपलब्धि पर हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, “इस प्रकार के सम्मान हमारें लिये त्साहजनक है क्योंकि हम एक स्थायी भविष्य के लिए वैज्ञानिक और कुशल खनन तकनीकों की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। एक स्थायी भविष्य की ओर अग्रसर होने के संकल्प के रूप में, हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित ट्रिपल बॉटम लाइन अवधारणा के अनुसार लोगों, ग्रह और समृद्धि को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमेशा की तरह, हिंदुस्तान जिंक पर्यावरण और सामाजिक मानदंडों को सुरक्षित रखने वाली खनन प्रथाओं को अपनाने हेतु सदैव प्रयासरत है।
नेट जीरो 2050 के लिए प्रतिबद्ध पहली खनन कंपनियों में से, हिंदुस्तान जिंक उच्च ईएसजी मानकों को बनाए रखने, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई करने और पानी और ऊर्जा का संरक्षण करके कई तरह से स्थिरता पर बल देती है। हिंदुस्तान जिंक स्थायी संचालन में अग्रणी है और हमेशा पर्यावरण संरक्षण के महत्व में विश्वास करता है।

Related posts:

डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने किया वार्षिक कैलेंडर 2024 का विमोचन

90 बच्चों को स्कूल बेग और बोतल वितरण

In a global first, Vedic passages in pictorial form displayed at Arya Samaj’s Navlakha Mahal

फील्ड क्लब कार्निवल : एपीएल-7 ने एक रन से जीता मुकाबला

सखी परियोजना से स्वावलंबन के क्षितिज की ओर अग्रसर हो रही ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाएं

प्रताप के शौर्य और पराक्रम से सीख ले युवा पीढ़ी : मुख्यमंत्री

रामकथा के तीसरे दिन शिव विवाह

निस्वार्थ प्रेम ही सच्चा प्रेम : संजय शास्त्री

एचडीएफसी बैंक के शुद्ध लाभ में बढ़ोतरी

नीलकंठ द्वारा आईवीएफ बेबीज कार्निवल आयोजित

विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत पीआईएमएस में विशेष व्याख्यान आयोजित

सनातन परंपरा और गांधीजी केवल भारत में ही हो सकते हैं : आरिफ मोहम्मद खान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *