लालघाट के पास हुए कार्यक्रम में आईआईआईडी के मुंबई से आए पदाधिकारी
उदयपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीरियर डिज़ाइनर्स (आईआईआईडी) की उदयपुर चैप्टर की और से उदयपुर के ओल्ड शहर में दीवारों के जीर्णोद्वार के लिए किए जा रहे कार्य का समापन 22 नवंबर शुक्रवार की शाम को जयवाना हवेली में हुआ।
उदयपुर चेप्टर की हेड अंजलि दूबे ने बताया कि आईआईआईडी का ओल्ड शहर में झील के किनारों को सुंदर बनाने की दिशा में लिया गया एक नया कदम है। यह आर्किटेक्ट्स और युवाओं की एक कलात्मक पहल है। आईआईआईडी और निपोन पेंट्स ने बेहद सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हर काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से नहीं किया जा सकता। कुछ कार्यों में मानव रचनात्मकता और संवेदनशीलता का होना आवश्यक है।
अंजलि दूबे ने बताया कि चेप्टर ने उदयपुर के ओल्ड सिटी में लालघाट के पास से लेकर अंदर आगे जाने वाले जो दीवारे हैं, उनको ठीक करने का काम हाथ में लिया जो पिछले दिनों से किया जा रहा है। इन दीवारों की रिपयेरिंग का काम करते हुए पेंटिंग्स से उनकी सुंदरता को बढ़ाया गया है। इन दीवारों पर यह कार्य पूरा हो चुका हैं और आज इस कार्यक्रम में मुंबई से आए अतिथियों के सामने पूरी रूपरेखा रखी गई।
इसमें आईआईआईडी के अध्यक्ष सरोश एच वाडिया और इनस्केप संपादक जबीन जक़ारियास के साथ आईआईआईडी अधिकारी, नागरिक, कलाकार और स्टूडेंट की उपस्थिति रही। इस दौरान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीरियर डिज़ाइनर्स की मैग्जीन का भी विमोचन किया गया।
सरोश एच वाडिया ने बताया कि हम अच्छे डिजाइन की शक्ति के माध्यम से बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए पहले से कहीं अधिक प्रतिबद्ध हैं। श्रृंखला के सात फोलियो में से प्रत्येक हमारे निर्मित पर्यावरण के एक अनूठे पहलू को दर्शाता है, जो सामूहिक रूप से एक आवश्यक संग्रहकर्ता का सेट बनाता है।