मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी एंड कैथेटर गाइडेड इंस्टा थ्रोम्बोलिसिस तकनीक से डॉक्टरों ने किया इलाज
उदयपुर। पारस जेके अस्पताल उदयपुर में आधुनिक तकनीक से बीना चीर-फाड़ के मस्तिष्क की बीमारी का सफल इलाज किया है। यहां के डॉक्टरों ने मस्तिष्क की वेन्स तक पहुंचकर वहां जमे खून के थक्के को निकालकर मरीज को इस बीमारी से निजात दिलाने में सफलता प्राप्त की है।
इंटरवेंशनल न्यूरोलोजिस्ट डॉ. तरूण माथुर, पारस जेके अस्पताल ने बताया कि उदयपुर निवासी 55 वर्षीय बेबी (परिवर्तित नाम) को सिर में दर्द, मिर्गी के दौरे और बेहोशी आने की समस्याएं हुई। महिला के परिजनों ने इन समस्याओं से निजात पाने के लिए उसे कई डॉक्टर्स को दिखाया और उनका बताया उपचार उसे देते रहे, इसके बाद भी महिला को उनकी बीमारी में कुछ फर्क नहीं दिखा। आखिरकार किसी के कहने पर वह पारस जेके अस्पताल पहुंची और यहां डॉ. तरूण माथुर को बीमारी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि महिला की केस हिस्ट्री जानने के बाद उनकी एमआरआई जांच करवाई गई, जिसमें पता चला कि मस्तिष्क की मुख्य सेरेब्रल वेन्स साइनस में खून का थक्का जमा हुआ है, जिसके कारण उनकी खून की नसे बाधित हो रही है। इस बीमारी के शुरूवाती इलाज में खून का थक्का गलाने में दवाईयों से फायदा न होने पर इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. तरूण माथुर द्वारा मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी एंड कैथेटर गाइडेड इंस्टा थ्रोम्बोलिसिस तकनीक से इलाज किया गया। इस तकनीक में मरीज की पैर की नस से एक सुक्ष्म तार एवं कैथेटर को मस्तिष्क की वेन्स तक पहुंचाकर स्टेन्ट रिट्राइव करके थक्के को निकाला गया और कैथेटर से मस्तिष्क में खून के थक्के को गलाने की दवा इंजेक्ट की गई। इस इलाज के 24 घंटे के बाद ही मरीज की स्थिति में सुधार दिखने लगा एवं सिर दर्द, मिर्गी के दौरे और बेहोशी आने की समस्याओं से उसे आराम मिलने लगा और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है। डॉ. तरूण माथुर ने बताया कि अगर महिला को समय पर ये इलाज नहीं दिया जाता तो उसे लकवा आने की पूरी संभावना थी।
पारस जे.के. हॉस्पिटल के डायरेक्टर श्री विश्वजीत कुमार ने अस्पताल के अनुभवी चिकित्सकों द्वारा और आधुनिक तकनीक से बीना चीर-फाड़ के मस्तिष्क की बीमारी का जो सफल इलाज किया है उस पर डॉक्टर्स और उनकी टीम को बधाई दी है। पारस जे.के. हॉस्पिटल में सभी तरह की स्पेशलिटी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध है जहां अनुभनी डॉक्टरों की टीम आधुनिक तकनीक की सहायता से मरीजों का उपचार करते हैं।