उदयपुर। महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन की ओर से सिटी पैलेस सभागार में ‘श्रीराम की अयोध्या’ पुस्तक के लेखक उत्तरप्रदेश निवासी डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह ‘संजय’, सहायक प्रोफेसर – हिन्दी विभाग, भगवान सिंह कॉलेज, मिर्जापुर, उ.प्र ने व्याख्यान दिया । लेखक ने सतयुग से लेकर वर्तमान युग तक के सूर्यवंशी शासकों एवं उनके वंशजों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अयोध्या में सम्राट कुश द्वारा निर्मित प्रभु श्रीराम के प्राचीन मंदिर तथा विक्रमादित्य द्वारा निर्मित प्रभु श्रीराम के मंदिर पर प्रकाश डालते हुए श्रीराम के प्राचीन मंदिर को कैसे नष्ट किया गया पर व्याख्यान देते हुए वर्तमान में बने प्रभु श्रीराम के मंदिर से संबंधित कई घटनाक्रमों पर भी प्रकाश डाला।
व्याख्यान में श्रीराम ने किस प्रकार अपने बड़े पुत्र कुश, छोटे पुत्र लव तथा अपने भाइयों के 6 पुत्रों में अयोध्या राज्य का विभाजन किया तथा उन सभी ने सबसे बड़े भाई कुश को अपना सम्राट मानते हुए अपने – अपने राज्यों का विस्तार किया। सूर्यवंश में श्रीराम के पुत्र कुश से आगे की वंश परम्परा में मेवाड़ के गुहिलोत “सिसोदिया” वंश की प्राचीनता के ऐतिहासिक प्रमाण प्रस्तुत करते हुए महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन के न्यासी लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ तक के वंशक्रम पर सविस्तार विचार प्रस्तुत करते हुए जयपुर, जोधपुर व देश के अन्य सूर्यवंशी घरानों पर प्रकाश डाला।
आरम्भ में फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्रसिंह आउवा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया ।