उदयपुर। संस्कृतिविज्ञ डॉ. महेन्द्र भानावत (87) ने सेंटपॉल स्कूल मतदान केन्द्र पर अपना मत दिया। उन्होंने बताया कि अब तक हुए प्रत्येक चुनाव में वे मतदान करते रहे।
जगदीश चौक मतदान केन्द्र की एक घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब भगवतसिंह मेवाड़ वोट देकर निकल रहे थे तभी कविवर नाथूसिंह महियारिया की उनसे भेंट हो गई। महियारियाजी ने उसी समय यह दोहा उच्चरित किया-
अण दागल़ चेटक रह्यो, अण दागल़ परताप।
एक वोट रे कारणै, दागल़ व्या छो आप।।
अर्थात् रणक्षेत्र में चेटक ने कभी अपने ऊपर कोई आंच नहीं आने दी और न राणा प्रताप ने दुश्मन की कोई छाया अपने ऊपर तक पडऩे दी किन्तु आज एक वोट के खातिर आपने अपनी ऊंगली को स्याहवर्णी बना दिया। सच है भगवतसिंहजी एक वोट का बहुमूल्य जानते थे।