संसार के सभी प्राणियों के कल्याण की कामना के साथ सर्व समाज सनातनी चातुर्मास का विसर्जन

दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने विशाल नगर भण्डारे के साथ संत समाज को दी विदाई
उदयपुर।
‘धर्म की जय हो – अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो।’ सनातन परम्परा में नियमित रूप से देवस्थलों, अनुष्ठानों में की जाने वाली इस सर्वमंगल कामना की प्रार्थना के साथ उदयपुर के बलीचा स्थित राजराजेश्वर बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रहा सर्व समाज सनातनी चातुर्मास सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा पर विसर्जित हुआ। पंचायती निरंजनी अखाड़ा मढ़ी मनमुकुंद के दिगम्बर खुशाल भारती महाराज के सान्निध्य में चल रहे इस सनातनी चातुर्मास के विसर्जन पर यहां धर्म और अध्यात्म का मेला भर गया। देश भर से आए साधु-संत-महात्माओं की उपस्थिति और रह-रह कर गूंजते हर-हर महादेव के जयकारों ने मानो मिनी कुम्भ का अहसास कराया। जब शोभायात्रा निकली तो माहौल और भी धर्ममय हो गया।
चातुर्मास विसर्जन पर दिगम्बर खुशाल भारती के गुरु श्रृंगी ऋषि आश्रम के मोहन भारती महाराज का प्रमुख सान्निध्य रहा। दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने उनके सान्निध्य में सनातनी चातुर्मास के विसर्जन की घोषणा की। इससे पहले, प्रातःकाल साढ़े आठ बजे दिगम्बर खुशाल भारती महाराज की कुटिया में स्थित धुणी पर हवन हुआ। अघोरी बाबा शैलेंद्रनाथ महाराज ने पूर्णाहुति कराई।


उल्लेखनीय है कि इस बार सावन अधिक होने से चातुर्मास की अवधि पांच मास की रही। इस दौरान यहां पंच पुराणों की कथाएं हुईं, भजन संध्याएं भी हुईं। शारदीय नवरात्र में मां पीताम्बरा बगलामुखी 54 कुण्डीय महायज्ञ भी हुआ। यह महायज्ञ विश्व में अपनी तरह का पहला महायज्ञ था। इसमें भी देश भर से साधक उदयपुर आए थे।
मीडिया संयोजक मनोज जोशी ने बताया कि सोमवार को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.15 से संत समाज की विदाई का क्रम शुरू हुआ। साधु-संन्यासियों, संत-महंतों, स्थानधारियों और मेवाड़ मंडल के साधु-संतों को पंचायती निरंजनी अखाड़ा की परम्परानुसार विदाई प्रदान की गई। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवीन्द्र पुरी, राष्ट्रीय महाकाल सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत आलोक गिरि महाराज सहित अलग-अलग स्थानों से पधारे हरगोविंद पुरी महाराज, मोहन भारती महाराज, दिगंबर उमेश भारती, मौनी बाबा मथुरा वाले, थानापति गोपाल गिरि, रामानुज पुरी महाराज, अशोक भारती महाराज, कमल गिरि महाराज, बलबीर गिरि महाराज, कालीचरण महाराज आदि उपस्थित थे। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि फूल सिंह मीना, पुष्कर डांगी, लादूलाल पितलिया सहित कई गणमान्य भी संतों का आशीर्वाद लेने पहुंचे।
जोशी ने बताया कि दिगम्बर खुशाल भारती महाराज सहित अन्य संतों ने मेवाड़ अंचल के सर्व समाज छत्तीस कौम को विशाल नगर भण्डारे में पधारने का न्यौता दिया। सोमवार को मेवाड़ अंचल सहित देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और महाप्रसाद ग्रहण किया। विशाल नगर भण्डारे की व्यवस्थाएं महाकाल की नगरी उज्जयिनी से आए हलवाइयों के दल ने संभाली।
इधर, रविवार से ही चातुर्मास परिसर और उसके आसपास मेले सा माहौल हो गया। संत-महात्माओं की उपस्थिति ने क्षेत्र में धर्म और अध्यात्म की गंगा के दर्शन करा दिए। देश भर के विभिन्न स्थानों से यहां आए साधु-संतों के लिए यज्ञशाला के समीप पाण्डाल में ठहरने की व्यवस्था की गई।
चातुर्मास समिति के प्रमुख सदस्य हिमांशु बंसल, हर्षिल जोशी, महेश चाष्टा, गजेन्द्र खालसा, भानुप्रताप सिंह ताणा आदि के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाएं संभालीं।

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