पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज उदयपुर में नई उन्नत न्यूरोबायोफीडबैक थेरेपी का उद्घाटन

उदयपुर : राजस्थान चिकित्सा नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम (EEG) और ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस से एकीकृत एडवांस्ड न्यूरोबायोफीडबैक थेरेपी का शुभारंभ पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS), उदयपुर के मनोरोग एवं संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान विभाग में किया गया। इस क्रांतिकारी पहल का उद्घाटन अध्यक्ष आशीष अग्रवाल और प्रबंध निदेशक नमन अग्रवाल द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रो. अनीस जुक्कुरवाला, डीएम, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष एवं प्रो. सुशील खेड़ा, एमडी, जो राजस्थान के सबसे वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञों में से एक हैं, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस अत्याधुनिक थेरेपी का नेतृत्व प्रो. प्रवीन खैरकर कर रहे हैं, जिन्हें बेथ इसराइल डेकोनीस मेडिकल सेंटर, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, बोस्टन में प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है। यह थेरेपी मानसिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक विज्ञान में क्रांति लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजस्थान में पहली बार इस तरह की थेरेपी उपलब्ध :
यह नवाचारी न्यूरोबायोफीडबैक थेरेपी व्यक्तियों को अपनी भावनाओं, संज्ञानात्मक क्षमताओं, व्यक्तित्व गुणों और कौशल को नियंत्रित करने और सुधारने की क्षमता प्रदान करती है। इसकी चिकित्सा उपयोगिता निम्नलिखित बीमारियों और स्थितियों में प्रभावी पाई गई है।
न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी विकार : ADHD, अवसाद, पार्किंसंस रोग, डिस्लेक्सिया, स्ट्रोक पुनर्वास
दर्द और तनाव संबंधी विकार : माइग्रेन सिरदर्द, दर्द सिंड्रोम, परीक्षा तनाव, तनाव असंयम
महिलाओं से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएँ : पीएमडीडी, बांझपन, एंडोमेट्रियोसिस

जीवनशैली और व्यवहार संबंधी विकार : नशे की लत, कब्ज
न्यूरोबायोफीडबैक थेरेपी क्या है? :
न्यूरोबायोफीडबैक थेरेपी मस्तिष्क की गतिविधियों को मापने और नियंत्रित करने की एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें मरीज ब्रेनवेव पैटर्न का विश्लेषण करके अपनी मानसिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं। EEG और ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस के माध्यम से, मरीज वास्तविक समय में अपने मस्तिष्क की गतिविधियों को देख सकते हैं और विशेष तकनीकों के माध्यम से उन्हें नियंत्रित करना सीख सकते हैं।
यह थेरेपी गैर-आक्रामक (non-invasive) है और व्यक्ति को स्वयं की मानसिक स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम बनाती है। यह तनाव को कम करने, फोकस बढ़ाने और मानसिक विकारों को सुधारने में मददगार साबित हो रही है।
वैश्विक सहयोग और भविष्य की संभावनाएँ :
यह प्रगतिशील केंद्र राजस्थान के चिकित्सा क्षेत्र के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा और यह ब्रेनलैब अटलांटा एवं श्वार्ट्ज सेंटर, कैलिफोर्निया, यूएसए जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग करके न्यूरोकॉग्निटिव रिसर्च और थेरेपी को और अधिक उन्नत करने की दिशा में कार्य करेगा।
इस आधुनिक प्रयोगशाला का शुभारंभ संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान में एक नए युग की शुरुआत को चिह्नित करता है, जिससे उन व्यक्तियों को नया जीवन मिलेगा जो विभिन्न न्यूरोसाइकेट्रिक और चिकित्सा स्थितियों से पीड़ित हैं। पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अत्याधुनिक तकनीक को स्वास्थ्य सेवा में एकीकृत करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

Related posts:

झीलों की नगरी उदयपुर में 31 मिनट में 5100 बार गायत्री मंत्र का जाप

दी उदयपुर महिला समृद्धि अरबन को-ऑप. बैंक लि. महिला समृद्धि बैंक को भारत रत्न सहकारिता सम्मान

फील्ड क्लब में पिकल बॉल कोर्ट और बॉक्स क्रिकेट के आगाज के साथ खिलाड़ियों को नवाजा

शिक्षा ही सशक्तिकरण का सर्वश्रेष्ठ माध्यम - राष्ट्रपति

नारायण सेवा का  'अपनों से अपनी बात' कार्यक्रम

प्रो. सारंगदेवोत फिर पांच साल के कुलपति चुने गए

गीतांजली यूनिवर्सिटी का भव्य दीक्षांत समारोह 06 सितंबर को

'अपनों से अपनी बात ' आज से

Hindustan Zinc deploys first-of-its-kind AI solution for enhancing Workplace Safety

सीताराम जाट ने लिया राज्यस्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह की तैयारियों का जायजा

हिंदुस्तान जिंक के द्वारा डीजीएमएस निर्देशित 3 दिवसीय इंट्रा-जोनल माइन रेस्क्यू प्रतियोगिता का सफल आ...

जार की पहल पर साहित्‍यकार की विधवा पत्‍नी की सहायतार्थ आगे बढे कई हाथ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *