उदयपुर। अखिल विश्व गायत्री पीठ परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में गायत्री शक्तिपीठ, सर्वऋतु विलास परिवार की ओर से आगामी 3 से 6 नवम्बर तक विराट 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन फतह स्कूल ग्राउण्ड में किया जा रहा है। गुरूवार को महायज्ञ के लिए पांडाल का शुद्धिकरण कर मंत्रोच्चार के साथ विधिविधान से देव आह्वान कर भूमि पूजन एवं झंडारोहण किया गया। भूमि पूजन के लिए उदयपुर के सभी देवालयों के साथ श्रीनाथजी, द्वारकाधीश, त्रिपुरा सुंदरी, बेणेश्वर, हल्दीघाटी, गुरुशिखर, पुष्कर, गलताजी, गोविंददेवजी, हरिद्वार तीर्थस्थलों से रज एवं मथुरा से यमुनाजी के जल के साथ संभाग के सभी सागरों एवं झीलों से जल मंगवाया गया। इस अवसर पर अस्थल मंदिर के महंत रासबिहारी शरण शास्त्री, हनुमान मंदिर के महंत अमर गिरी, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, पूर्व सांसद रघुवीरसिंह मीणा, महापौर गोविंदसिंह टांक, गायत्री परिवार राजस्थान जोन के प्रभारी ओमप्रक्राश अग्रवाल, पुष्कर से घनश्याम पालीवाल सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के सदस्य उपस्थित थे।
भूमि पूजन पश्चात आयोजित प्रेसवार्ता में मीडिया प्रवक्ता हेमंत श्रीमाली ने बताया कि परमपूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने 1926 में अखण्ड दीपक की स्थापना की थी। उनके सान्निध्य में 24-24 लाख गायत्री मंत्र के 24 महापुरूष चरण पूरे किये व आध्यात्मिक शक्ति अर्जित कर अपनी ऋतंभरा प्रज्ञा को जागृत कर युग परिवर्तन के मूल विचार में क्रांति अभियान का उद्घोष करते अखिल गायत्री परिवार की स्थापना की। यह गायत्री महायज्ञ 2026 में होने वाले अखण्ड दीपक के शताब्दी समारोह व वंदनीय माताजी भगवतीदेवी शर्मा की जन्म शताब्दी समारोह के अनुयाज क्रम में आयोजित किया जा रहा है।
वित्त प्रभारी ललित पानेरी ने बताया कि यज्ञ से स्वास्थ्य संवर्धन, रोग निवारण तथा पर्यावरण संतुलन के साथ ही सूक्ष्म जगत का परिष्कार होता है। यज्ञ में सामूहिक प्रयासों का विलक्षण प्रभाव देखने को मिलता है। यज्ञ में मंत्रोच्चार से सूक्ष्म जगत एवं दिव्य जड़ीबूंटियों की आहूति से स्थूल जग्रत का परष्किार होता है।
केन्द्रीय कमेटी के डॉ. आलोक व्यास ने बताया कि 3 नवम्बर को प्रथम दिन प्रात: 9 बजे सद्गुरु ज्ञान ग्रन्थ एवं कलश शोभायात्रा, दोपहर 2 बजे संगठनात्मक स्वरूप पर कार्यकर्ता गोष्ठी एवं सायं 6 बजे संगीत एवं प्रवचन होंगे। दूसरे दिन 4 नवम्बर को प्रात: 6 बजे ध्यान साधना एवं प्रज्ञा योग, प्रात: 8 बजे देव आह्वान, देव पूजन, गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार, दोपहर 2 बजे राजस्थान जोन के प्रभारी डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल के सान्निध्य में राज्यस्तरीय कार्यकर्ता गोष्ठी, सायं 3 बजे संगीत, युवा सम्मेलन एवं प्रति कुलपति देव सं.वि.वि. हरिद्वार के डॉ. चिन्मय पंड्या का उद्बोधन होगा। 5 नवम्बर को प्रात: 6 बजे ध्यान साधना एवं प्रज्ञा योग, प्रात: 8 बजे गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार, दोपहर 2 बजे ‘आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी’ पर कार्यकर्ता गोष्ठी, सायं 6 बजे परमपूज्य गुरुदेव का सन्देश वाचन शैलबाला पण्ड्या एवं डॉ. प्रणव पण्ड्या द्वारा किया जाएगा। साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पुंसवन संस्कार एवं दीप यज्ञ का आयोजन होगा। अन्तिम दिन 6 नवम्बर को प्रात: 6 बजे ध्यान साधना एवं प्रज्ञा योग, प्रात:8 बजे गुरु दीक्षा डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं विभिन्न संस्कार तथा गायत्री महायज्ञ पूर्णाहूति के बाद दोपहर 1 बजे टोली की विदाई होगी।
केन्द्रीय कमेटी के के. सी. व्यास ने बताया कि चार दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में वेदी का निर्माण उदयपुर सहित मेवाड़ एवं देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों से लाई गई रज, जल, गाय के गोबर, गोमूत्र एवं गंगाजल से किया जा रहा है। मंच से आचार्यश्री मंत्रोच्चार करेंगे एवं यज्ञ में जनता द्वारा सामूहिक रूप से आहूतियां दी जाएंगी। वसुधैव कुटुम्बकम की मान्यता का अनुकरण करते यह परिवार हमारी प्राचीन ऋषि परम्परा का विस्तार करने वाला है। गायत्री परिवार भविष्य के समाज का एक मॉडल है जो मानव एकता और समानता के सिद्धान्तों द्वारा निर्देशित होता है। यह मिशन व्यक्ति निर्माण से आरम्भ होकर क्रमश: परिवार, समाज, राष्ट्र एवं विश्व के निर्माण पर केन्द्रित है।