उदयपुर। अगस्त के पहले सप्ताह में दुनिया भर में विश्व स्तनपान सप्ताह 2023 मनाया जा रहा है। इस वर्ष उत्सव का विशिष्ट विषय है ‘आइए हम स्तनपान कराएं और काम करें, काम करें!’ उपरोक्त उत्सव के एक भाग के रूप में, पीआईएमएस, उमरड़ा उदयपुर में शनिवार को एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया।
सेवानिवृत्त प्रोफेसर (आर.एन.टी. और गीतांजलि मेडिकल कॉलेज, उदयपुर) डॉ. एच. एन. माथुर कम्युनिटी मेडिसिन ने व्याख्यान दिया जिसमें पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्स (पीआईएमएस) की पूरी बिरादरी मौजूद थी। डॉ. माथुर ने स्तनपान के महत्व और इससे बच्चे के साथ-साथ मां को भी होने वाले लाभ पर बताया कि स्तनपान बच्चे की उचित वृद्धि और विकास के साथ-साथ माँ के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कामकाजी माताओं द्वारा स्तनपान के महत्व और उनके द्वारा शिशुओं को निर्धारित आहार देने में आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते पीआईएमएस के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. सुरेशचंद्र गोयल ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देशों में, कामकाजी मां द्वारा स्तनपान कराने की अनुशंसित अनुसूची का पालन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि हमारे अधिकांश कार्यालयों और प्रतिष्ठानों में माताओं के कार्यस्थलों पर पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। जब तक सरकार हमारे सभी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों में शिशु देखभाल केन्द्र जैसी सुविधाएं बनाने के लिए सख्त कानून नहीं लाती हमारे देश में कामकाजी माताओं के लिए यह एक समस्या बनी रहेगी।
कार्यक्रम में चेयरपर्सन आशीष अग्रवाल, शीतल अग्रवाल, वाइस चान्सलर डॉ. जे. के. छापरवाल, साई तिरुपति युनिवर्सिटी, विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष और अन्य फेकल्टिस एवं अन्य सदस्य के अलावा पीआईएमएस, उमरड़ा , उदयपुर के स्नातकोत्तर और स्नातक छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समन्वय एकेडेमिक निर्देशक और सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. दिलीपकुमार पारीक ने प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. पी. के. भटनागर, बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. विवेक पराशर के सहयोग से किया।