उदयपुर। तबला के जादूगर पं. चतुरलाल मेमोरियल सोसाइटी और हिन्दुस्तान जिंक लि. के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार 4 मार्च सायं 7 बजे ‘स्मृतियां’ के 22वें संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भारत के प्राचीन, विस्मृत और लुप्तप्राय संगीत परंपराओं को सहेजने वाले पारंपरिक वाद्य यंत्र रावणहत्था की विशेष प्रस्तुति रहेगी। प्रत्येक वर्ष की भांति इस स्मृति उत्सव में इस वर्ष भी कुछ नवीन प्रयोग श्रोताओं को रसरंजित करेंगे। युवा तबलावादक राजकुमार, प्रांशु चतुरलाल और होगीर गोरेगेन के अलावा भारत-तुर्की कला विशिष्ट समूह की जुगलबंदी भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी। महोत्सव में कथक उस्ताद दीपक महाराज और भजन सम्राट अनूप जलोटा द्वारा एक भव्य जुगलबंदी भी प्रस्तुत की जाएगी। चतुरलाल महोत्सव की निदेशक सुश्री श्रुति चतुरलाल शर्मा है।
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि यह उत्सव संगीतकारों, वादकों और संगीतप्रेमियों के लिए एक ही छत के नीचे शास्त्रीय प्रदर्शनों का अनुभव करने के लिए एक खुले मंच के रूप में अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, जिंक प्रतिभा टैलेंट हंट के विजेता को इस उत्सव में प्रस्तुति देने का अवसर मिलेगा।
पं. चतुरलाल मेमोरियल सोसाइटी के संस्थापक पं. चरणजीत चतुरलाल ने बताया कि पं. चतुरलाल ऐसे पहले अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित भारतीय तालवादक थे जिन्होंने पश्चिमी दर्शकों के बीच तबले को लोकप्रिय बनाने में सफलता पायी। वे 50 के दशक के मध्य में भारतीय शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम देने के लिए पश्चिम में भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने और उसे भव्य स्वीकृति देने वालों में कलाकारों में एक थे।