उदयपुर : भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एवं टेक्नोलॉजी ने जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत की कम्प्यूटर विज्ञान और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए उन्हें नए वैज्ञानिक कार्यक्रम व योजनाओं के निर्माण तथा वर्तमान वैज्ञानिक परियोजनाओं के मूल्यांकन व परिवीक्षण हेतु विषय-विशेषज्ञ के रूप में संलग्न किया गया है। डीएसटी के वरिष्ठ निदेशक राजकुमार शर्मा ने प्रो. सारंगदेवोत की शिक्षा व वैज्ञानिक शोध में प्रभावी बौद्धिक क्षमता, दक्षता और असाधारण शैक्षणिक सूझबूझ द्वारा नयी तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने, अपनी गूढ़ चिंतनशीलता और प्रतिबद्धता से विज्ञान और तकनीक को उन्नत करने की मान्यता के फलस्वरूप दिया है। वे नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन जैसी महत्वपूर्ण परियोजना में भी पर्यवेक्षण करेंगे।
ज्ञातव्य हो कि प्रो. सारंगदेवोत शिक्षण, अनुसंधान, उद्योग, विस्तार कार्यक्रमों और प्रशासनिक कार्यों का 33 वर्षों से अधिक का विशिष्ट अनुभव रखते है, वे प्रबंधन कौशल, विश्लेषणात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता से धनी हैं। 50 से अधिक शोध पत्रिकाओं और कई अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय सम्मेलनों के संपादकीय बोर्ड के सदस्य रहते हुए उनके अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न शोध पत्रिकाओं एवं सम्मेलन कार्यवाहियों में 150 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। वे अनेक आमंत्रित व्याख्यान दे चुके हैं। उनकी 13 पुस्तकें और 5 मोनोग्राफ प्रकाशित हो चुके हैं और उन्होंने अपने नाम से 25 पेटेंट्स का पंजीकरण करवाया है तथा 6 पेटेंट व डिजाईन ग्रांट भी हो चुके हैं। उनके कई कॉपीराइट भी स्वीकृत हैं। अपने आपके मार्गदर्शन में 38 शोध ग्रन्थ (पीएच.डी.) जमा हो चुके हैं और 9 शोधकर्ता अभी पीएच. डी. कर रहे हैं।
प्रो. सारंगदेवोत देंगे भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एवं टेक्नोलॉजी की कम्प्यूटर विज्ञान की परियोजनाओं में विशेषज्ञता
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