समर्पित साथियों की बदौलत विद्यापीठ ने तय किए सफलता के सोपान – कर्नल प्रो. सारंगदेवोत
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की ओर से गठित सर्च कमेटी ने अगले पांच वर्षो के लिए कुलपति के पद पर कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत का किया चयन। अगले पांच साल के लिए प्रो. सारंगदेवोत ही कुलपति के पद पर बने रहेगे। इधर कार्यकाल की सूचना मिलते ही विद्यापीठ के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौर गई और उन्हे शहर के प्रबुद्ध नागरिक, सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों की ओर से बधाई देने वालो का तांता लग गया। प्रो. सारंगदेवोत ने सबसे पहले विद्यापीठ के प्रतापनगर स्थिति जनुभाई की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया। उन्होने कहा कि संस्था कार्यकर्ताओं की संस्था है, उच्च स्तरीय बेहतर मानव संसाधन एवं कार्यकर्ताओं की कुशलता , मेहनत एवं लगन से ही विद्यापीठ उन्नति एवं प्रगति के मार्ग पर उन्नयन है। पं. नागर ने 83 वर्ष पूर्व 21 अगस्त, 1937 को तीन रूपये व एक किराये के भवन में पांच कार्यकर्ताओं के साथ संस्था की शुरूआत की थी जो आज 50 करोड के वार्षिक बजट तथा 15 हजार से अधिक विधार्थियों के साथ वट वृक्ष बन गया है। उन्होने बताया कि पिछले 09 वर्ष में समर्पित व निष्ठावान कार्यकर्ताओें की बदौलत नेक में एक ग्रेड विश्वविद्यालय, युनि रेंक के तहत उदयपुर संभाग में प्रथम, राजस्थान के 70 विवि में 07 वां, भारत के 900 विवि में से 142 वां स्थान व विश्व के 30 हजार विवि में से 5032 वां स्थान प्राप्त कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। सात करोड की लागत से डबोक परिसर में स्कूल आॅफ एग्रीकल्चर साईंसेस के भवन का निर्माण, दो एनसीसी विंग की नई युनिट का प्रारंभ, विवि की ओर से 88 पेटेंट फाईल किए जा चुके व 04 काॅपीराईट भी है। पूर्व में यूजीसी द्वारा पांच पाठ्यक्रमो की ही मान्यता प्राप्त थी लेकिन वर्तमान में 22 स्नातक, 30 स्नातकोत्तर, 10 डिप्लोमा पाठ्यक्रम सहित 115 पाठ्यक्रमों की यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त हो गई है जिसका संचालन आगामी दिनो में किया जायेगा। प्रो. सारंगदेवोत के कार्यकाल दौरान विधि महाविद्यालय, फार्मेसी, बीए बीएड, बीएसी बीएड, विज्ञान महाविद्यालय, कन्या महाविद्यालय, एग्रीकल्चर महाविद्यालय, स्पेशल बीएड, योगा, एमपीएड सहित कई नये पाठ्यक्रमों की शुरूआत की।