राजस्थान विद्यापीठ में हिन्दी दिवस पर संगोष्ठी

हिन्दी भाषा में है अद्भुत व अद्वितिय क्षमता : प्रो. सारंगदेवोत

उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की ओर से हिन्दी दिवस पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि हिन्दी की ताकत इसी से समझी जा सकती है कि आज मल्टीनेशनल कम्पनिया किस कदर हिन्दी का इस्तेमाल कर रही है। डिस्कवरी चेनल तथा नेशनल ज्योग्राफिक चैनल की डबिंग भी हिन्दी में प्रसारित की जा रही है। वर्ल्ड लैग्वेज डेटा बेस के 22वें संस्करण इथोनोलॉज में दुनियाभर की 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में छह भारतीय भाषाए है जिनमें हिन्दी तीसरे स्थान पर है।

हिन्दी हमारी राजभाषा है और हमें इसका सम्मान करने के साथ साथ इसका मूल्य भी समझना होगा। आज आवश्यकता इस बात की है कि हिन्दी को हम राष्ट्रभाषा के रूप में प्रयोग में लाये। इसके लिए शासन प्रणाली, न्याय व्यवस्था तथा उच्च शिक्षा में इसे अपनाया जाये। आज देश में हिन्दी के प्रति पुनर्जागरण की एक चेतना धीरे धीरे पैदा हो रही है राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो प्रावधान किये गये है उसके लागू होने के बाद हमें परिणाम दिखने लगेगे। इस नीति में सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन यह किया गया है कि अब प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जायेगी।

प्रारंभ में प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी की जानकारी दी।  डॉ. रचना राठौड,, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. अमि राठौड, डॉ. हरीश चौबीसा, डॉ. सुनिमा मुर्डिया, डॉ. हरीश मेनारिया, डॉ गुणबाला आमेटा डॉ. पुनित पण्ड्या, डॉ. रोहित कुमावत सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे। डॉ. अमित दवे ने संचालन जबकि आभार डॉ. रचना राठौड ने दिया। विद्यापीठ के माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित परिचर्चा में प्रो. मलय पानेरी, अधिष्ठाता प्रो. सुमन पामेचा, डॉ. ममता पानेरी, डॉ.  राजेश शर्मा ने विचार व्यक्त किए।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *