सोशल नेटवर्किंग की लत वाले विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि और मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन विषयक पर सुषमा को पीएचडी

उदयपुर। सोशल नेटवर्किंग की लत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में समान रूप से विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि और सामाजिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। इस शोध का उद्धेश्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स की लत व्यवहार का स्नातक विद्यार्थियों में शैक्षिक उपलब्धि और मानसिक स्वास्थ्य से संबंध ज्ञात करना था। जिसमें सोशल नेटवर्किंग की लत का विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि एवं मानसिक स्वास्थ्य के मध्य सह संबंध सार्थक रूप से नकारात्मक पाया गया।
यह निष्कर्ष सुषमा सिहं ने अपने शोध प्रबंध में प्रस्तुत किया है। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग की लत वाले विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि और मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन विषयक शोध शिक्षा संकाय के अंतर्गत शिक्षा मनोविज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ निरूपमा शर्मा के निर्देशन में पूर्ण किया जिस पर उन्हें मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। उदयपुर की 8 तहसील के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के 1200 से अधिक विद्यार्थियों पर यह अध्ययन किया गया जिनमें से 200 सोशल नेटवर्किंग के एडिक्टेड पाये गये जिन पर शोध के बाद यह निष्कर्ष निकला।
इस शोध में शोधार्थी द्वारा सोशल नेटवर्किंग की लत को दूर करने हेतु सुझाव भी प्रस्तुत किये गये है जो कि विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों के लिये महत्वपूर्ण है। शोधार्थी के अपने 8 वर्षो के सोशल मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किये गये अध्ययन एवं शोध के आधार पर बताया गया है कि विधार्थी किस प्रकार अपने स्क्रिन टाइम का प्रबंध करें, सोशल नेटवर्किंग से दूर रहने के कारण किसी जानकारी के छूट जाने की बात या भय से बचने, आनलाईन ही नही आफलाईन एक्टीवीटी से जुडने, अभिभावकों के लिये रोल मॉडल बनते हुए उनके द्वारा कम से कम आनलाईन डिवाइस का प्रयोग करने, घर में फ्री ऑनलाईन डिवाइस जोन बनाने, आनलाईन नेटवर्किंग साइट के समय का आंकलन करने हेतु एप का उपयोग एवं साइट से दूर रहने के लिये एप हेतु सुझाव, शिक्षकों के लिये इंटरनेट प्रिवेंशन कार्यक्रम को बढ़ावा देने आदि सुझाव प्रस्तुत किये गये।

Related posts:

मुख स्वच्छता दिवस पर दंत चिकित्सक की प्रस्तुतियों ने मन मोहा

हिन्दुस्तान जिंक, दरीबा स्मेल्टर को जल प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए सीआईआई राष्ट्रीय पुरस्कार

लघु उद्योग भारती का स्थापना दिवस 25 अप्रैल को

विशाखापट्नम में  तीन सौ से ज्यादा दिव्यांगों को कृत्रिम हाथ-पैर लगाए

पारस जेके अस्पताल में रेयर पोस्ट कोविड ब्रेन स्ट्रोक का सफल इलाज

माता-पिता अपने बच्चों के आत्म सम्मान, शारीरिक छवि और संपूर्ण कल्याण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमि...

प्रो. चूण्डावत स्टेहाएका के उपाध्यक्ष नियुक्त

बालगीत लेखन प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

जिंक स्मेल्टर देबारी में 51वां राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह समापन समारोह आयोजित

Hindustan Zinc recycles more than 18 billion litres of water, equivalent to water consumption of 1 l...

Hindustan Zinc ranks as the World’s Most Sustainable Metals & Mining company for the 2nd consecu...

एमएमपीएस को "स्पेशल जूरी अवार्ड" तथा लगातार छठे वर्ष "बेस्ट स्कूल अवार्ड"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *