उदयपुर। प्रकृति की लीला बड़ी विचित्र अपरम्पार है किंतु विज्ञान भी अपनी खोज के लिए कम अचरज देने वाला नहीं है। दो सिर, दो धड़ और चार हाथ वाले शिशु के जन्म लेने के अजूबे तो हमने सुने हैं किंतु दो लिंगी नवजात होने की घटना भी उमरड़ा स्थित पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) में देखने को मिली।
पिड्रियाट्रिक सर्जन डॉ. प्रवीण झंवर ने बताया कि इस बीमारी को डाईफेलस के नाम से जाना जाता है। मेडिकल लिटे्रचर में अब तक ऐसे 100 केस ही रिपोर्टेड हैं। उसमें भी कम्प्लीट डाइफेलस के 20 से भी कम केस रिपोर्टेड हैं। इस बच्चे में तो डाइफेलस के साथ लेट्रिन का रास्ता भी नहीं है। इस कारण उसका पेट फुल गया था। इससे दूध पिलाना भी संभव नहीं हो रहा था। ऐसे में उसकी इमरजेंसी सर्जरी कर लेट्रिन का बाईपास रास्ता (कोलोस्टोमी) बनाया गया। बच्चा अभी एक माह का हो चुका है। डॉ. प्रवीण ने माता-पिता को बच्चे की स्टेज्ड सर्जरी के बारे में समझाया और आश्वस्त किया है बच्चे को लेकर उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नही हैं।
दुर्लभ द्विलिंगीय नवजात को पीआईएमएस उमरड़ा में मिली राहत
