विद्यापीठ में 77 वॉ स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया

कई बलिदानों के युग पुरूषों के बाद मिला है,  हमें यह आजादी का अमृत – प्रो. सारंगदेवोत
विश्व में लोकतंत्र की जननी है भारत – प्रो. सारंगदेवोत
राजस्थानी, देश भक्ति गीतों पर रंगारंग दी प्रस्तुति

उदयपुर : 77वें स्वाधीनता दिवस पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के श्रमजीवी महाविद्यालय, प्रतापनगर परिसर, डबोक परिसर में कुलपति प्रो. एस.एस. सांगदेवोत ने झण्डरोहरण कर कार्यकर्ताओं को बधाई दी। मुख्य समारोह डबोक परिसर में एग्रीकल्चर महाविद्यालय के प्रांगण में राजस्थान विद्यापीठ, 5 राज गर्ल्स बटालियन एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में समारोह हुआ जहॉ कुलपति  प्रो. एस.एस.  सारंगदेवोत ने झण्डारोहण कर परेड की सलामी ली।

इस अवसर पर प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि हजारों स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, संघर्ष और बलिदान के कारण आज हम सब आजाद भारत में सांस ले रहे है, मॉ भारती को ब्रितानी जंजीरों से मुक्त कराने के लिए वीर बांकुरों ने जान की बाजी तक लगा दी। राष्ट्र-भाव के बिना देश को परम वैभव तक नहीं पहुंचायॉ जा सकता। मानव से महामानव कैसे बनाया जाये यह हमारा संकल्प होना चाहिए। हमारी प्राचीन, नैतिक जिम्मेदारी है। संस्कृति और सभ्यता व इसकी अस्मिता आज भी विद्यमान है जिसका मुख्य कारण हमारी मजबूत संस्कृति, हमारी अखंड परम्पराए, हमारे सनातन मूल्य, हमारी सशक्त लोकतांत्रिक व्यवस्था है, इसे आने वाली पीढी में रूपांतरित करना है। आजादी के 150 वर्ष पहले 1800 में भारतीय अर्थ व्यवस्था का 25 प्रतिशत योगदान था, आजादी के समय एक प्रतिशत था , आज हम इस मुकाम पर पहुंचे है। आजादी के समय हमारे यहॉ 20 विश्वविद्यालय थे, आज ग्यारह सौ से ज्यादा विश्वविद्यालय है, उस समय 1.5 लाख स्कुल थे, आज 15 लाख स्कुल है, 404 कॉलेज थे आज करीब 48 हजार कॉेलेज है, आज प्रत्येक राज्य में आईआईटी, आईआईएम, एम्स है आज हम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की तरफ जा रहे है।  संस्थापक मनीषी नागर कहा कहते थे हम विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दे जिससे उनमें देवत्व जागृत हो।  उन्होने कहा कि  जरूरत है नई प्रेरणाओं नये विचारों, नये संकल्पों, आत्मनिर्भरता, अतीत के गौरव को बोध कराने के साथ अपनी भाषा एवं संस्कृति, सभ्यता, साहित्य और जीवन मूल्यों को हर दिन हर पल नया आयाम देने की जरूरत है। उन्होंने कहा की इस स्वतन्त्रता दिवस पर अशिक्षा, गरीबी व बेरोजगारी से आजादी मिले। युवा ही राष्ट्र का भविष्य है। विश्व की वर्तमान व्यवस्था में युवाओं पर बड़ा दायित्व है। विश्व की आर्थिक संरचना में भारत एक शक्ति के रूप में उभर रहा है अतः युवाओं को अपनी दक्षता बढ़ा कर राष्ट्र के विकास में योगदान करना चाहिए।
समारोह में 600 से अधिक एनसीसी केडेट्स ने परेड की व देश भक्ति गानों पर जमकर प्रस्तुतिया दी। सभी केडेट्स अपने हाथों में तिरंगा लिए भारत माता के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे, पूरा परिसर देश भक्ति में डूब गया।
इस  अवसर पर मुख्य अतिथि डीडीजी एयर कोमोडोर एल. के. जैन, कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, ग्रुप कमाण्डर भास्कर चक्रवर्ती ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए युवाओं का आव्हान किया वे देश की आन, बान, शान को बनाये रखने में तत्पर रहे। संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया।
इस अवसर पर प्रो. सरोज गर्ग, प्रो़. हेमेन्द्र चण्डालिया, रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. धमेन्द्र राजौरा, प्रो. मलय पानेरी, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, प्रो. गजेन्द्र माथुर, डॉ. अवनीश नागर, डॉ. हीना खान, डॉ. नीरू राठौड, डॉ. अमी राठौड, डॉ. सुनिता मुर्डिया, प्रो. मंजु मांडोत, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, डॉ. संतोष लाम्बा,  डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. रोहित कुमावत सहित विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर, कार्यकर्ता एवं विद्यार्थियों ने समारोह में शिरकत की।

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