बीसीसीआई सचिव जय शाह ने किया थर्ड नेशनल फिजिकल डिसअबिलिटी टी-20 क्रिकेट चैंपियनशिप-2023 की ट्रॉफी का अनावरण

नारायण सेवा संस्थान, राजस्थान रॉयल्स और डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट कौंसिल के तत्वावधान में दिव्यांग क्रिकेट कुम्भ ’24 राज्य – 400 खिलाड़ी’

उदयपुर। 39 वर्षों से दिव्यांगता के क्षेत्र में जुटी और दिव्यांग प्रतिभाओं के लिए 4 बार नेशनल प्रतियोगिता आयोजित कर चुका नारायण सेवा संस्थान (NSS) उदयपुर,राजस्थान रॉयल्स एवं डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट कौंसिल (DCCI) के तत्वावधान में थर्ड नेशनल फिजिकल डिसअबिलिटी टी-20 क्रिकेट चैंपियनशिप-2023 का आयोजन उदयपुर में होगा। ट्रॉफी का अनावरण बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी, बीसीसीआई सचिव जय शाह, (BCCI) बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, डीसीसीआई सचिव रविकांत चौहान तथा जॉइंट सिक्केटरी अभय प्रताप सिंह ने किया। इस प्रतियोगिता में 24 राज्यों के 400 दिव्यांग क्रिकेटर्स और 100 से अधिक खेल अधिकारी हिस्सा लेंगे। उदयपुर शहर के 4 ग्राउंड में 63 मैच खेले जाएंगे। सभी मैच 20-20 ओवर के होंगे। प्रतियोगिता 28 सितम्बर से 8 अक्टूम्बर तक चलेगी।इस चैंपियनशिप के ब्रांड एम्बेसेडर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हरभजन सिंह है। गुरुवार को चैंपियनशिप के पोस्टर का विमोचन नारायण सेवा के पदाधिकारी भगवान प्रसाद गौड़, ट्रस्टी देवेंद्र चौबीसा, धीरज हार्डे एवं रोहित तिवारी ने किया।


नारायण सेवा संस्थान के निदेशक एवं ट्रस्टी देवेंद्र चौबीसा ने बताया कि (NSS) वर्ष 2017 से दिव्यांग खेलों के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने लगा है। संस्थान दो नेशनल पैरा स्वीमिंग, एक नेशनल ब्लाइंड क्रिकेट और एक नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट चैंपियनशिप का सफलता पूर्वक आयोजन कर चूका है। व्हीलचेयर क्रिकेट चैंपियनशिप का आयोजन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। स्टैंडिंग क्रिकेट यानी कोई खिलाड़ी हाथ से तो कोई एक पैर से दिव्यांग है। वे सामान्य क्रिकेटर्स की तरह अपने खेल का प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीतेंगे। संस्थान प्रतिबद्धता के साथ दिव्यांगों की शल्य चिकित्सा, कृत्रिम अंग, स्वरोजगार और सामूहिक विवाह कर उन्हें पूर्ण पुनर्वास देने का कार्य कर रहा है। संस्थान से 10 लाख से ज्यादा दिव्यांग किसी न किसी रूप से लाभान्वित हुए है। यह चैंपियनशिप भी इसी दिशा में एक ओर कदम है।  
24 टीमें लेगी हिस्सा :
मुंबई, हिमाचल प्रदेश, हैदराबाद, दिल्ली, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड, पंजाब, चंडीगढ़, बड़ौदा, उड़ीसा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, वेस्ट बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, बिहार, कर्नाटक, विदर्भ और महाराष्ट्र।
4 ग्राउंड में होंगे 63 मैच, उद्घाटन और समापन फील्ड क्लब में :
इस ग्यारह दिवसीय दिव्यांग प्रतिभा के क्रिकेट कुंभ का भव्य शुभारम्भ गुरुवार को प्रातः 11 बजे फील्ड क्लब तथा समापन समारोह इसी ग्राउंड पर 8 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे होगा। समापन समारोह में रोलिंग ट्रॉफी विजेता टीम को दी जाएगी।
उदयपुर शहर के फील्ड क्लब, MB ग्राउंड, BN यूनिवर्सिटी ग्राउंड और नारायण पैरा स्पोटर्स एकेडमी, डबोक में कुल 63 मैच होंगे। 24 टीमों को चार ग्रुप में बाटा गया है। सात दिनों तक प्रतिदिन 8 मैच होंगे।  
दिनांक 29 सितम्बर से 6 अक्टूबर तक चारों ग्रुप के 60 लीग मैच होंगे। 7 अक्टूम्बर को पहली पारी में ग्रुप A की विजेता का ग्रुप D की टीम से तथा दूसरी पारी में ग्रुप B की विजेता का ग्रुप C की टीम से सेमीफाइनल होगा। दिनांक 8 अक्टूबर को फाइनल फील्ड क्लब में खेला जाएगा।
DCCI के क्रिकेट टैलेंट एंड डेवलपमेंट डायरेक्टर चंद्रभान गिर ने कहा की नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल और चेयरमैन संस्थापक श्री कैलाश जी ‘मानव’ पद्मश्री अलंकृत का जितना अभिनंदन हो उतना कम है। आज तक दिव्यांगजनों हेतु उदयपुर शहर में चार नेशनल प्रतियोगिता संपन्न हुई है। यह पांचवी प्रतियोगिता है। यह प्रतियोगिता बहुत ही रोमांचकारी रहेगी। दिव्यांग खिलाड़ी सामान्य लोगों को अपने हौसलों का दम दिखाएंगे।  
DCCI के संयोजक धीरज हार्डे ने पत्रकारों को कहा कि इन खिलाड़ियों का चयन पिछले एक वर्ष में हुए विभिन्न टूर्नामेंट में प्रदर्शन को आधार मानकर किया गया है। ये सभी खिलाड़ी 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के हैं। इस चैंपियनशिप में ज्यादातर खिलाड़ी एक हाथ या एक पैर से अथवा जन्मजात शारीरिक दिव्यांगता से ग्रस्त है। कुछ खिलाड़ियों के शरीर अर्द्धविकसित भी है। सच में दिव्यांगों को मंच देना और उन्हें अधिकार पूर्ण जिंदगी देने के लिए नारायण सेवा संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
संस्थान के जनसम्पर्क अधिकारी विष्णु शर्मा हितैषी ने बताया कि इस प्रतियोगिता में राजस्थान  रॉयल्स, प्यूमा, इंडियन बैंक और बीसीसीआई का सपोर्ट मिल रहा है। इस प्रतियोगिता का सीधा प्रसारण फैन कोड पर किया जाएगा।
चैंपियनशिप के सफल आयोजन के लिए संस्थान के 100 से अधिक साधक व्यवस्था में लगेंगे। जो दिव्यांग खिलाडियों को सहयोग करेंगे,भोजन, आवास और यातायात की उचित व्यवस्था देंगे। विभिन्न राज्यों से आए इन खिलाडियों के लिए डिसएबल्ड अनुकूलित समस्त व्यवस्थाएं बनाई गई है।
11 दिवसीय क्रिकेट कुंभ की सफलता के लिए संस्थान द्वारा अनेक कमेटियां गठित की गई है। जिनमें स्वागत, सुरक्षा, यातायात, सफाई, भोजन, आवास, अभ्यास, टाइम टेबल, ग्राउंड, अनुशासन, चिकित्सा, जल आदि कमेटियां बनाई गई है।
दिव्यांगों के लिए आयोजित चैंपियनशिप में अंतर्राष्ट्रीय मानकों को अपनाया गया है। जिसके तहत 66 मीटर बाउन्ड्री होगी। 22 गज (66 फिट) का पिच होगा। जिसे लेदर की वाइट बॉल से खेला जाएगा। प्रत्येक मैच का निर्णय करने के लिए 3 अम्पायर मैदान पर रहेंगे।  
स्टैंडिंग क्रिकेट में हर टीम को 4 रनर देने का प्रावधान है। यह उन खिलाडियों को उपलब्ध कराए जाते है जो वैशाखी, आर्टीफिशियल लिम्ब या शारीरिक रूप से दौड़ने में असमर्थ होते है। क्रिकेट में विकेट के बीच भागना जरुरी होता है। इसलिए प्रत्येक टीम को चार दिव्यांग रनर का विकल्प चुन मैच प्रारम्भ से पूर्व अम्पायर को लिस्ट सौंपते है।  
मैन ऑफ़ द सीरीज को मिलेगी स्कूटी :
दिव्यांग प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस चैंपियनशिप में सबसे दमदार प्रदर्शन करने वाले क्रिकेटर को मूल्यांकन कमेटी की अनुशंषा पर प्रबंधन द्वारा ‘मैन ऑफ द सीरीज’ के लिए चुना जाएगा। जिसे पुरस्कार में स्कूटी दी जाएगी। हर ग्राउंड पर प्रतिदिन ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार दिए जाएगे। इसके अलावा विजेता और उपविजेता टीम को भी पुरस्कार दिए जाएंगे।
इंग्लैंड वर्ल्ड कप चैंपियन प्लेयर भी हो रहे है शामिल :
इस चैंपियनशिप में इंडिया टीम के कप्तान विराट कैनी, मुम्बई के रविंद्र सन्ते, विदर्भ के गुरुदास राउत, बंगाल के तुषार रॉय, गुजरात के आसित जायसवाल, जम्मू -कश्मीर के वसीम इक़बाल और अमीर हिस्सा ले रहे हैं।  
राजस्थान के तीन खिलाड़ी जसवंत सिंह, सुरेंद्र खोरवाल और इक़बाल के साथ MP के योगेंद्र भदोरिया, तमिलनाडु के विक्टर, कर्नाटक के शिवशंकर, आंध्रा के अखिल रेड्ड़ी, हरियाणा के पवन कुमार और अमीन पर नज़र रहेगी। देखना होगा कि ये अपने प्रदर्शन से अपनी टीम को कितनी मजबूती देते है।

एक पैर पर खड़े होकर खेलने वाले जसवंत के नाम सबसे लंबा छक्का मारने का रिकॉर्ड

पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के रड़ावास निवासी जसवंत सिंह (28) के जन्म से बायां पैर नहीं है। बचपन से ही उन्हें क्रिकेट का शौक था। इसके लिए उन्होंने जयपुर जाकर क्रिकेट की प्रैक्टिस की और बारीकियां सीखी। वे भारतीय व राजस्थान दिव्यांग क्रिकेट टीम में भी खेल चुके हैं। इनका जुनून और जोश अन्य खिलाडियों और दिव्यांगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। जसवंत ने क्रिकेट के प्रति खुद को इतना समर्पित किया कि दिव्यांग होने एवं बैसाखी के सहारे चलने के बावजूद सलामी बल्लेबाज के रूप में लगातार खेल रहे हैं। इनका कलात्मक खेल देखकर हर कोई आश्चर्यचकित है। एक पैर से सलामी बल्लेबाज के रूप में मैदान में उतरकर सामान्य खिलाड़ियों की तरह चौके और छक्के जड़ते हैं। जसवंत बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में भी माहिर हैं। बैसाखी के सहारे लंबा रनअप लेकर 100 किमी की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं। इनके नाम अब तक के सबसे लम्बे (96 मीटर) छक्के मारने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। जसवंत 28 सितम्बर से उदयपुर नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित तृतीय नेशनल स्टैंडिंग क्रिकेट चैंपियनशिप में भाग लेने आ रहें हैं।

लकवे से खुद को नहीं बनने दिया लाचार

राजस्थान के जोधपुर शहर से ताल्लुक रखने वाले दिव्यांग खिलाड़ी सुरेंद्र खोरवाल शुरुआती दौर से ही एक हाथ और एक पांव से लकवा ग्रस्त है। इसके बावजूद इनमें क्रिकेट खेलने का गजब जज्बा है। जन्म से ही विशेष योग्यजन (दिव्यांग) होने के कारण इनके माता -पिता इन्हें क्रिकेट की बजाय पढ़ाई में ही ध्यान देने की सीख देते थे। लेकिन वे माता-पिता से भी छुपकर ग्राउंड में पहुंच जाते थे। जोधपुर के एनपी क्रिकेट अकादमी एकेडमी और कोच राकेश देवड़ा ने सुरेंद्र का जुनून देखकर उन्हें नि:शुल्क प्रशिक्षण देना शुरू किया। साइंस बायोलॉजी के छात्र सुरेंद्र ने नर्सिंग ट्रेनिंग के दौरान क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था। इसी बीच छत्तीसगढ़ में चैलेंज ट्रायल सलेक्शन का आयोजन हुआ। जिसमें सुरेंद्र ने भाग लिया और इनके खेल कौशल के चलते इंडियन फिजिकल डिसेबल टीम में चयन हुआ। इसी के बाद ये राजस्थान की टीम का हिस्सा भी रहे। मार्च 2023 में भारतीय फिजिकल डिसएबल क्रिकेट टीम में उनका चयन हुआ है। यह ऑलराउंडर और बेहतरीन बल्लेबाज हैं। अब भाग लेने आ रहे है मेवाड़ की धरा झीलों की नगरी उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित तृतीय नेशनल डिसेबिलिटी क्रिकेट चैम्पियनशिप 2023 में।

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