एलएंडटी फाइनेंस लि. ने की उदयपुर, राजसमंद और चित्तौडग़ढ़ में डिजिटल सखी प्रोजेक्ट की शुरुआत

उदयपुर। देश की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में शामिल एलएंडटी फाइनेंस लि. (एलटीएफ) ने राजस्थान के उदयपुर, राजसमंद और चित्तौडग़ढ़ में अपनी फ्लैगशिप कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) परियोजना ‘डिजिटल सखी’ की शुरुआत की है। डिजिटल सखी का उद्देश्य डिजिटल वित्तीय साक्षरता के जरिये महिलाओं को सशक्त बनाना है ताकि वे अपने समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ आजीविका के स्थायी साधन पैदा कर सकें।
कंपनी इन उद्देश्यों को हासिल कर ग्रामीण महिलाओं और उनके परिवारों के जीवन में महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है। साथ ही, इससे ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन, उद्यमशीलता और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल सखी कार्यक्रम सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी)-5 लैंगिंक समानता पर केंद्रित है। इसकी मदद से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को डिजिटल वित्तीय साक्षरता, नेतृत्व और प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर व्यापक रूप से प्रशिक्षित किया जाता है।


एलटीएफ के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ सुदीप्ता रॉय ने कहा कि नौ राज्यों में डिजिटल सखी परियोजना के सफल कार्यान्वयन के बाद हमें राजस्थान में अपने प्रमुख सीएसआर प्रोजेक्ट को लॉन्च कर प्रसन्नता हो रही है। इस पहल के साथ हम न सिर्फ ग्रामीण समुदायों की महिलाओं को सशक्त बना रहे हैं, बल्कि डिजिटल विभाजन को पाटने और बड़े पैमाने पर लैंगिक समानता हासिल करने में भी मदद कर रहे हैं। सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल ताकतों का मिश्रण हमें अधिक समावेशी, समृद्ध एवं टिकाऊ समाज बनाने में मदद कर रहा है। हम सभी वर्गों के उज्ज्वल भविष्य की इस यात्रा का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस करते हैं।


एलटीएफ में कंपनी सचिव एवं चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर अपूर्वा राठौड़ ने कहा कि हमारी डिजिटल सखियां उदयपुर, राजसमंद और चित्तौडग़ढ़ में ग्रामीण समुदायों के बीच डिजिटल वित्तीय साक्षरता प्रदान करने में सबसे आगे रहेंगी। वे ग्रामीण समुदायों को सरकारी पहलों से जोडऩे के साथ यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी कि लोग विभिन्न लाभों के बारे में जागरूक हों और उनका उपयोग कर सकें। इसके अतिरिक्त, डिजिटल सखियां महिलाओं को वित्तीय रूप से समावेशी और उद्यमी बनाने के लिए सशक्त करेंगी।
एलटीएफ इस परियोजना को मंजरी फाउंडेशन के सहयोग से संचालित करेगा। डिजिटल सखी परियोजना की शुरुआत 2017 में की गई थी। तब से अब तक इसके जरिये 1,770 से अधिक महिलाओं को डिजिटल सखी के रूप में तैयार किया गया है जिन्होंने 45 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया है और 14,000 से अधिक महिला उद्यमियों को कौशल प्रदान कर सशक्त बनाया है। पिछले महीने डिजिटल सखी प्रोजेक्ट को उत्तरप्रदेश के कुशीनगर और बिहार के सहरसा तक विस्तारित किया गया। राजस्थान के अलावा, वर्तमान में डिजिटल सखी परियोजना कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, बिहार, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में सक्रिय रूप से चल रही है।

Related posts:

मुख्यमंत्री ने किया वेदांता पिंक सिटी हाफ मैराथन का पोस्टर विमोचन

तिलहन उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सरसों मॉडेल फार्म प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण भूमिका

झारखंड और महाराष्ट्र में नारायण सेवा का सेवा शिविर

हर व्यक्ति गायत्रीमयी और यज्ञमयी बने : डॉ. प्रणव पंड्या

Hindustan Zinc Recognized for Pioneering LGBTQIA+ Inclusion Efforts at the 3rd National Transgender ...

जीवन रतन मार्डन स्कूल ने मनाया वार्षिकोत्सव

नारायण सेवा का दिव्यांगजन सेवा के लिए प्रयास प्रसंशनीय: मंत्री प्रभाकर

Bangur Cement and News18 Launch 'Vote Solid Desh Solid' Campaign, Urging Citizens to Engage in Lok S...

राजस्थान में एचडीएफसी बैंक की एमएसएमई लोन बुक ने अग्रिम में13000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया

दो दिवसीय संगोष्ठी एवं कला सृजन कार्यशाला शुरू

Sah Polymers Limited’s Initial Public Offering to open on Friday, 30th December, 2022, sets price ba...

पिम्स उमरडा में हुआ दो दिवसीय ऑर्थोपेडिक इलिजारोव वर्कशॉप का आयोजन