डॉ औदीच्य का धन्वंतरि सप्ताह के अंतर्गत महिलाओं के स्वास्थ्य पर आधारित व्याख्यान

उदयपुर : आयुर्वेद विभाग, राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार धन्वंतरि सप्ताह के अंतर्गत राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय, सिंधी बाजार में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान में वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. शोभालाल औदीच्य ने महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और उनके रोगों के निदान के लिए आयुर्वेदिक उपचारों के लाभ बताए। व्याख्यान में दिनचर्या, ऋतुचर्या, और संतुलित खानपान जैसे विषयों पर चर्चा की गई, जिनके माध्यम से महिलाएँ अपने जीवन को स्वस्थ और संतुलित बना सकती हैं।
डॉ. औदीच्य ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि आयुर्वेदिक जीवनशैली को अपनाने से महिलाओं को उनके जीवन के विभिन्न चरणों में होने वाली समस्याओं, जैसे मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानियों, गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य देखभाल, और रजोनिवृत्ति के समय हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी समस्याओं से राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली के कारण महिलाओं में तनाव, अनिद्रा, और मानसिक थकान की समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं, जिन्हें आयुर्वेद के माध्यम से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
धन्वंतरि सप्ताह के अंतर्गत आयोजित इस व्याख्यान में मौसमी बीमारियों से बचाव के उपायों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया, और वायरल बुखार जैसे रोगों से बचने के लिए आयुर्वेद में कई प्रभावी घरेलू नुस्खे मौजूद हैं। उन्होंने तुलसी, गिलोय, हल्दी, और नीम जैसी औषधियों के उपयोग के महत्व पर जोर दिया और बताया कि ये औषधियाँ न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं, बल्कि संक्रमण से बचाव में भी मदद करती हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लोग इन बीमारियों से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें और आयुर्वेदिक उपचारों का नियमित रूप से सेवन करें।
धन्वंतरि सप्ताह के अंतर्गत पूरे सप्ताह विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य आम जन को आयुर्वेदिक जीवनशैली, स्वस्थ दिनचर्या, और मौसमी बीमारियों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करना है। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य शिविर, व्याख्यान, और औषधीय परामर्श जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
डॉ.औदीच्य ने सभी महिलाओं से आयुर्वेदिक जीवनशैली को अपनाने का आह्वान किया, ताकि वे अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आयुर्वेदिक उपचार न केवल बीमारियों का इलाज करते हैं, बल्कि जीवन को समग्र रूप से स्वस्थ और संतुलित बनाते हैं।

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