ग्रामीण प्रतिभाओं को दक्ष बना रहा हिन्दुस्तान जिंक

षिक्षा को समर्पित परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं 5 जिलों के 68 हजार होनहार

उदयपुर। ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने और उन्हें सुविधाएं प्रदान कर अपने विशय में माहिर बना कर अवसर देने का कार्य देष की अग्रणी धातु और खनिज कंपनी हिन्दुस्तान जिंक बढ़चढ़ कर निभा रही है। देष के सर्वोच्च इंजीनियरिंग कॉलेज में चयनित छात्रों की बात हो, एसजीएफआई और सुब्रोतो कप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हो, षिक्षा संबंल कार्यक्रम ग्रामीण और षहरी प्रतिभाओं को लक्ष्य के लिए दक्ष बना रहा है। षिक्षा संबंल कार्यक्रम से जुडे ग्रामीण क्षेत्र मंे अध्ययन कर रहे छात्रों के परिणाम में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। ये उपलब्धियां बताती हैं कि आने वाले समय में ये ‘षिश्य‘ अपने विशय और हुनर के गुरू साबित होंगे। कोरोना महामारी के दौरान सभी छात्रों को ईलर्निंग और ऑनलाईन कक्षाओं के माघ्यम से जोड कर नियमित कक्षाएं और गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
जिंक अपने षिक्षा संबल कार्यक्रम में ग्रामीण विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम में सुधार हेतु विशय अध्यापक उपलब्ध कराना, उंची उड़ान कार्यक्रम में आईआईटी की कोचिंग, उच्च षिक्षा के लिए सुविधा, आवासीय षिविरों, आधुनिक षिक्षा के लिए माइंड स्पार्क, ग्रामीण फुटबॉल खेल प्रतिभाओं के लिए जिं़क फुटबॉल अकादमी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के षिक्षा, स्वास्थ्य और सुपोशण के लिए सरकार के साथ मिलकर कार्यक्रम का संचालन कर रहा है।
दीलिप परिहार सहायक निदेषक सीएसआर, निदेषालय माध्यमिक षिक्षा राजस्थान, बीकानेर ने जिंक के सामाजिक सहभागिता कार्यक्रमांे की सराहाना करते हुए बताया कि कौषल विकास या आंगनवाडी से लेकर स्कूल षिक्षा तक हिन्दुस्तान जिंक एवं वेदांता समूह द्वारा किए गये नवाचारों से राज्य ही नही वरन देष में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है।
जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने बताया कि हम ग्रामीण छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने की दिषा में कार्य कर रहे है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके। हमारी पहल शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में सहायक है जिससे देष की भावी पीढी में सीखने और साझा करने की प्रवृति और ठहराव सुनिष्चित होगा।
शिक्षा संबल के माध्यम से वर्श 2007 से जिंक ने एक ऐसा मंच प्रदान किया है जो ग्रामीण छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और भविष्य में देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़ने के उनके सपने को पूरा करता है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, अजमेर और उदयपुर के 64 से अधिक राजकीय स्कूलों में इस वर्ष 7000 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं। विद्या भवन सोसाइटी के सहयोग से शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है।
शिक्षा संबल कार्यक्रम के शिक्षकों तथा अकादमिक टीम द्वारा राजकीय शिक्षकों के साथ मिलकर विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहयोग दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत समर कैम्प तथा विंटर कैम्प का आयोजन, अतिरिक्त तथा नियमित कक्षाओं की व्यवस्था, विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहयोगी शिक्षण सामग्री तथा स्कूलों को पुस्तकालय व प्रयोगशाला हेतु पुस्तकें व सामाग्री प्रदान की जाती हैं और इनका उपयोग सुनिश्चित किया जाता है। राजकीय शिक्षकों के साथ शिक्षा संबल कार्यक्रम का यह प्रयास कार्यक्रम में शामिल स्कूलों के बोर्ड परीक्षा परिणाम में दिखाई दे रहा है। पिछले पांच सालों में 10वीं का पास प्रतिशत 64 से 80 तथा प्रथम श्रेणी 14 से बढ़कर 22 प्रतिशत हुआ साथ ही आसपास के ऐसे स्कूल जो शिक्षा संबल से नहीं जुड़े हैं उनकी तुलना में इन स्कूलों का परिणाम औसतन 10 प्रतिशत बेहतर रहा है।
ऊंची उड़ान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से वंचित चयनित विद्यार्थियों को आई.आई.टी. एवं अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेष के लिए उत्कृष्ट कोचिंग प्रदान की जा रही है जिसे ऑनलाईन जारी रखा जा रहा है। यह उदयपुर में दो वर्षीय स्कूल एकीकृत आवासीय कोचिंग है। रेज़ोनेन्स एडवन्चर्स प्रा.लि. एवं विद्या भवन कोचिंग के लिए भागीदार संस्थाएं हैं। इन छात्रों को मार्गदर्षन के साथ 11वीं एवं 12वीं के छात्रों को फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स की नियमित पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी भी पूरी की जा रही है। इस वर्श सौ प्रतिषत परिणाम के साथ वर्तमान में 4 बैच में 123 विद्यार्थी इस अध्ययनरत हैं।
माइंडस्पार्क कार्यक्रम 34 राजकीय विद्यालयों में पहली से आठवीं के 6 हजार से अधिक छात्रों और 150 अध्यापकों को लाभ पहुंचा। इससे बच्चों को तैयार करने के लिए सरकारी स्कूलों को तकनीकी सहायता प्रदान की गयी। यह कार्यक्रम हिंदी और गणित पर केंद्रित है। एक डैशबोर्ड षामिल है जो छात्रों के आगे मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों के साथ साझा किया जाता है जिसमें लैपटॉप के साथ माइंड स्पार्क लैब स्थापित की गयी।
जिंक फुटबॉल अकादमी ग्रामीण फुटबॉल खिलाडियों के लिए अद्वितीय एफ-क्यूब तकनीक के साथ जमीनी स्तर पर उनका विकास कर रहा है। यह अकादमी देष में अपने प्रकार की एक मात्र हैं। जिं़क फुटबॉल अकादमी की टीम ने एसजीएफआई और सुब्रोतो कप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है। इस वर्श जिं़क फुटबाल युथ टूर्नामेंट का आयोजन किया गया जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। जिसके तहत् 2800 ग्रामीण एवं षहरी फुटबॉल प्रतिभाओं ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा दिखाई।
जिंक द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग आईसीडीएस आंगनवाड़ी परियोजना के तहत् 3117 आंगनवाडियों में सहयोग कर 60 हजार से अधिक नौनिहालों के सर्वागिण विकास को सुनिष्चित किया जा रहा है। कोराना महामारी के अनिश्चित समय के दौरान भी आईसीडीएस विभाग और यूनिसेफ के साथ सभी आंगनवाडि़यों में ई-लर्निंग वीडियो प्रसारित करने के लिए सहयोग किया। लगभग 1910 से अधिक आंगनवाडी केंद्रो के बच्चों के 13000 से अधिक अभिभावक को व्हाट्सएप से जोडकर बच्चों में षाला पूर्व शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम में 700 से अधिक विशेष योग्यजन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता देने एवं सीखने की क्षमता को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि ये बच्चे अपने परिवार के लिए आर्थिक रूप से सक्षम सदस्य बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। जिं़क ने नेत्रहीन लोगों के लिए टेक्नॉलोजी पर आधारित शिक्षा व मूक एवं बधिर बच्चों को साइन लैंग्वेज टेªनिंग दे इनकी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाएं हैं। जिंक इंजीनियरिंग करने वाले युवाओं के लिए यशद सुमेध योजना के तहत् छात्रवृत्ति प्रदान करता है। कंपनी वेदांता पोस्ट-ग्रेजुएट गर्ल्स कॉलेज, रिंगस में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए अपने कार्य क्षेत्र के आसपास के गांवों की लड़कियों के लिए निःषुल्क अध्ययन करा रहा है।

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