हिन्दुस्तान जिंक ने मनाया नो व्हीकल डे

उदयपुर। ऊर्जा सरंक्षण हेतु अपनी प्रतिबद्धता और सरंक्षण के संकल्प के अनुरूप विश्व की अग्रणी और देश की एक मात्र सीसा जस्ता और चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक अपने परिचालन और आसपास के क्षेत्रो में नवाचार कर इस ओर अग्रसर है। जिंक के प्रधान कार्यालय सहित जावर माइंस, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स, चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर, रामपुरा आगुचा माइंस और कायड माइंस में 2500 से अधिक कर्मचारियों और बिजनेस पार्टनर ने नो व्हीकल डे मना कर ऊर्जा संरक्षण का संकल्प लिया।
जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा सहित सभी इकाइयों के एसबीयू डायरेक्टर और वरिष्ठ अधिकारियों ने पैदल, साइकिल और स्टॉफ बस से पहुंच कर सभी को ऊर्जा संरक्षण की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने का संदेश दिया। कंपनी की सभी इकाइयों मंे नाटक, रैली,स्लोगन और क्वीज प्रतियोगिताओं के साथ ही पौध वितरित कर जागरूक करने और उत्सव मना कर अनूठे अंदाज में ऊर्जा संरक्षण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये गये।
अरूण मिश्रा ने कहा कि इस दिवस को मनाने का प्राथमिक उद्देश्य सभी कर्मचारियों के बीच उनके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के महत्व के बारे में जागरूकता और समझ बढ़ाना है और उन्हें जीवाश्म ईंधन के उपयोग से बचकर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है। हमने सभी को प्रदूषण मुक्त वातावरण में योगदान देने और भारत के पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिक बनने के लिए दैनिक आधार पर साइकिल और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। हिंदुस्तान जिंक स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है और अगले चार से पांच वर्षों में जीएचजी उत्सर्जन में कमी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जिंक ने नेट जीरो 2050 प्राप्त करने की दिशा में एक रणनीतिक रोडमैप निर्धारित किया है और कंपनी द्वारा अपनाएं जा रहे नवाचार इसी पर संरेखित हैं। जिम्मेदार जल प्रबंधन, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
सस्टेनेबल माइनिंग में अग्रणी के रूप में, हिंदुस्तान जिंक की स्थिरता के प्रति अथक दृष्टिकोण दीर्घकालिक, मूल्य-संचालित विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक साबित हुआ है। प्राकृतिक संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने, सुरक्षित संचालन बनाए रखने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का लाभ उठाने पर उनका सतत जोर जारी है। जिंक ने स्मार्ट, सुरक्षित और सस्टेनेबल संचालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले पांच वर्षों में गो ग्रीन के लिए 1 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है।
जिं़क द्वारा ऊर्जा उपभोग के नियमित निरीक्षण व जाँच से ऊर्जा का संरक्षण हुआ है। संशोधन प्रक्रिया यानि पुरानी व अधिक ऊर्जा की खपत करने वाली प्रक्रियाओं को नई ऊर्जा कुशल प्रक्रियाओं से प्रतिस्थापित कर नवाचार किये गये है। उन्नत माप उपकरण से ऊर्जा संरक्षण हेतु नई तकनीकों व ऊर्जा कुशल उपकरणों व प्रक्रियाओं का प्रयोग किया जा रहा हैै। बिजली का उपयोग कम करके उल्लेखनीय मात्रा में ऊर्जा की बचत की जा सकती है। बल्बों को एलइडी, ऑटो ऑफ एवं सौल लाइट से प्रतिस्थापित कर दिया गया है। यातायात क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण के लिए सभी संयत्रों और खदानों में परिवहन के साधनों में परिवर्तन किया गया है। ईंधन की खपत में कमी के लिए संचालन क्षेत्र में स्ववाहनों के स्थान पर अधिक से अधिक सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग किया जाता है। संयत्रों, खदानों और कॉलोनी में कार की गति सीमा निर्धारित है। जिंक के सस्टेनेबिलिटी विजन 2050 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य है। उच्चतम ईएसजी मानकों को बनाए रखने, जलवायु, जल एवं ऊर्जा के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कंपनी सतत विकास के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है और वाटर पॉजिटीव, अपशिष्ट उपयोग, कार्यस्थल पर सुरक्षा और विविधता, समुदायों की समृद्धि एवं जैव विविध्ता प्रमुख लक्ष्य है जिसके लिए लगातार प्रयास एवं नवाचार किये जा रहे है।

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