उदयपुर। उदयपुर वाटर फोरम, विद्याभवन पोलोटेक्निक महाविद्यालय एवं पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय जलसंवाद कार्यक्रम विद्याभवन पोलोटेक्निक महाविद्यालय में आयोजित हुआ। इस दौरान नाबार्ड के सहयोग से जलवायु परिवर्तन एवं जल ग्रहण विकास कार्यक्रम वागड़ा के अन्तर्गत जन जनजागरूकता हेतु तैयार की गई पुस्तिका जलवायु परिवर्तन : अनुकूलन एवं शमन पुस्तक का लोकार्पण केन्द्रीय जल आयोग के निदेशक शिवदत्त शर्मा, पर्यावरण गतिविधि के संयोजक गोपाल आर्य, जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के सलाहकार व राजस्थान रिवर बेसिन ओथोरिटी के पूर्व अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे, भूजल बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक विपिनकुमार शर्मा, सी.टी.ए.ई. उदयपुर के डीन डॉ. पी. के. सिंह, विद्याभवन पोलोटेक्निक महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. अनिल मेहता एवं अलर्ट संस्थान के अध्यक्ष जितेन्द्र मेहता द्वारा किया गया।
उक्त पुस्तक में जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाऊस प्रभाव, कार्बन चिन्ह, सौर ऊर्जा का महत्व एवं उपयोग, ग्रामीण स्तर पर अनुकूलन एवं जलग्रहण विकास कार्यक्रम के साथ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए किये गये स्थानीय प्रयासों का समावेश किया गया है। पुस्तक के लेखन में सीईई अहमदाबाद से सेवानिवृत्त विशेषज्ञ संतोष गुप्ता, संपादन आर. एस. गुप्ता एवं निर्देशन जितेन्द्र मेहता द्वारा किया गया है। यह पुस्तक हिन्दी में है और स्कूली विद्यार्थियों, अध्ययनकर्ताओं एवं ग्रामीण किसानों के लिए उपयोगी होगी।
जलसंवाद के दौरान अलर्ट संस्थान द्वारा जल संरक्षण एवं संवर्धन के तहत किये गये कार्यों एवं अनुभवों की चित्र प्रदर्शनी लगाई गई एवं जलग्रहण विकास का थ्रीडी मॉडल भी प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में महान सेवा संस्थान, अर्पण सेवा संस्थान, सेवा मंदिर, मार्वी परियोजना एवं महेशचंद्र गड़वाल द्वारा रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग का मॉडल भी प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में अलर्ट संस्थान के बी. के. गुप्ता, महान सेवा संस्थान के राजेन्द्र शर्मा भी मौजूद थे। प्रदर्शनी को भारत के विभन्न राज्यों से आए जल विशेषज्ञ एवं स्थानीय सेवाभावी लोगों द्वारा सराहा गया।