एचडीएफसी बैंक ने वित्तवर्ष 2022 में सीएसआर पर खर्च किये 736 करोड़ रूपये

उदयपुर: एचडीएफसी बैंक मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले वित्तवर्ष के लिए देश में सीएसआर दायित्व के लिए सबसे ज्यादा राशि खर्च करने वाले संगठनों में है। बैंक की इंटीग्रेटेड वार्षिक रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार, बैंक ने इस साल सीएसआर गतिविधियों में 736 करोड़ रु. खर्च किए, जो पिछले साल के मुकाबले 15.92 प्रतिशत ज्यादा है। बैंक ने 9.6 करोड़ हितग्राहियों तक पहुंचकर अपने प्रभाव का दायरा भी बढ़ाया।

सीएसआर के लिए अपने अम्ब्रेला ब्रांड, परिवर्तन के द्वारा बैंक अपने कार्यस्थल के नज़दीक स्थित समाज के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना चाहता है। परिवर्तन के तहत बैंक के अभियान की निगरानी एक बोर्डस्तरीय सीएसआर एवं ईएसजी समिति करती है, जो नियमित तौर से बैंक की प्रगति का आकलन करती है। बोर्ड ने उन अभियानों का अनुमोदन किया, जो सरकार के मिशन एवं कार्यक्रमों के अनुरूप हैं।

देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने के उद्देश्य से बैंक शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण एवं आजीविका सुधार, स्वास्थ्य सेवा, खेल, पर्यावरण के प्रति सस्टेनेबिलिटी, और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में काम करता है।

आशिमा भट्ट, ग्रुप हेड – बिज़नेस फाईनेंस एवं स्ट्रेट्जी, एडमिनिस्ट्रेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ईएसजी एवं सीएसआर ने कहा, ‘‘एचडीएफसी बैंक दीर्घकालिक सस्टेनेबल वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है और अपने मूल उद्देश्य में सस्टेनेबिलिटी को अपना चुका है। हम ग्लोबल सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स में अपना योगदान देते हुए समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं। शिक्षा, स्वच्छता, आजीविका, और कौशल विकास में सतत कार्यक्रमों द्वारा हम 9.6 करोड़ से ज्यादा भारतीयों को लाभ पहुंचा चुके हैं। हम वित्तवर्ष 2032 तक कार्बन न्यूट्रल बनने और उत्सर्जन, ऊर्जा और पानी के उपयोग में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपने अंशधारकों के साथ मिलकर हम एक भविष्य के बैंक का निर्माण कर रहे हैं, जो समय की कसौटी पर खरा उतरे।’’

बैंक के सामाजिक अभियान संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली द्वारा 2015 में बनाए गए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के अनुरूप हैं, जिनमें खास गरीबी कम करने, जीरो हंगर प्राप्त करने, स्वच्छ पानी और साफ-सफाई, गुणवत्ता युक्त शिक्षा और सतत समुदायों का निर्माण करने के लक्ष्य हैं।

परिवर्तन की मुख्य झलकियां :

·        परिवर्तन के तहत 9.6 करोड़ भारतीयों के जीवन में परिवर्तन लेकर आया।

·        अपने होलिस्टिक रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (एचडीआरपी) द्वारा 23 राज्यों के 3,335 गांवों के 9.88 लाख से ज्यादा परिवारों को लाभ पहुंचाया।

·        19.94 लाख से ज्यादा टीचर्स को प्रशिक्षित किया।

·        2.09 करोड़ भारतीयों को लाभान्वित किया।

·        10,500 से ज्यादा जल संरक्षण संरचनाओं का विकास किया और भारत के गांवों में 41,810 से ज्यादा सोलर लाईट स्थापित कीं।

·        17.69 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए जिससे भूजल का स्तर बढ़ाने में मदद मिली।

·        महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 8.08 लाख से ज्यादा महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित किया और ग्रामीण भारत में 8,470 से ज्यादा एसएचजी को प्रशिक्षित किया।

·        23,800 से ज्यादा टॉयलेट्स बनवाए और 1,810 से ज्यादा स्वच्छता कार्यक्रमों एवं 1.18 लाख से ज्यादा स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया।

·        23 लाख से ज्यादा वित्तीय साक्षरता शिविरों द्वारा 1.71 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को संलग्न करते हुए वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किए।

Related posts:

एचडीएफसी बैंक ने मुंह बंद रखो अभियान का दूसरा संस्करण लॉन्च किया

पारस जे. के. हॉस्पिटल ने कोरोना शहिदों को श्रृद्धाजंली देकर मनाया नर्सेज डे

How Udaipur Swiggy’d 2024: Top User Spends Over a lakh on Groceries, Essentials, and Festive Spirit

ZINC FOOTBALL ACADEMY GOALKEEPER SAHIL POONIA CALLED UP FOR INDIA UNDER-16 NATIONAL TEAM CAMP

Hindustan Zinc Supplies Zinc for India’s Heaviest Transmission Steel Pole Structure

एमवे इंडिया ने होम डिलीवरी में 200 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया

हिंदुस्तान जिंक ने शिक्षा सम्बल अभियान के अंतर्गत चलाई शीतकालीन कक्षाएँ

Vedanta Chairman hails Rajasthan as India's Next Industrial Powerhouse

एचडीएफसी बैंक का हर महीने 5 लाख कार्ड जोडऩे का लक्ष्य

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पुनरुत्थान की वजह से राजस्थान में बढ़ेगा ग्रामीण आवास

शराब से लिवर ही नहीं, डायबिटीज, कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी होती है

टीबी की दवा प्रेटोमानीड को डीसीजीआई की मंजूरी