प्रारंभ में प्रशासन को उपलब्ध करायी 1500 लीटर इंडस्ट्रीयल आॅक्सीजन
कोरोना संकटकाल में हिन्दुस्तान जिंक की पहल सराहनीय- जिला कलक्टर
उदयपुर। कोविड 19 के बढते रोगियों और ज्यादा गंभीर होने की स्थिति में आॅक्सीजन की आवश्यकता होने के साथ ही राजकीय और निजी चिकित्सालयों में आॅक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए हिन्दुस्तान जिंक ने प्रशासन को इण्डस्ट्रीयल आॅक्सीजन की आपूर्ति की है। 1500 लीटर इण्डस्ट्रीयल आॅक्सीजन का पहला टेंकर हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा संयंत्र स्थित आॅक्सीजन प्लांट से भरकर उदयपुर आरएनटी मेडिकल काॅलेज पहुंचा। कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गयी इस 98 प्रतिशत शुद्ध आॅक्सीजन को संशोधन प्रक्रिया के बाद चिकित्सकीय उपयोग में लिया जा सकेगा।
कोरोना महामारी से राहत एवं बचाव के लिये जिंक सरकार एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अपने संचालन क्षेत्र के आस पास एवं अन्यत्र भी आवश्यकता अनुरूप हर संभव सहायता के लिए कटिबद्ध है। पिछले सप्ताह इन्सुलेशन वैक्सीन वैन उपलब्ध कराने के बाद शहर में बढ़ते गंभीर कोरोना रोगियों को आॅक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए प्रशासन द्वारा आॅक्सीजन उपलब्ध कराने के प्रयासो के अनुरूप जिंक ने यह सहयोग प्रदान किया है। कंपनी के दरीबा स्थित संयंत्र में बनने वाली आॅक्सीजन की मात्रा में से प्रत्येक तीसरे दिन 1500 लीटर के टैंकर को उदयपुर भेजा जाएगा जिससे यहां के चिकित्सालयों में भर्ती रोगियो को आॅक्सीजन सुलभ हो सके। इस इण्डस्ट्रीयल आॅक्सीजन को लिक्विड प्लांट के माध्यम से सिलेण्डर में भर कर चिकित्सालयों को उपलब्ध कराया जा सकेगा।
जिला कलक्टर चेतन देवडा कोराना संकम्रण के फैलने से मरीजो की संख्या बढ़ने और गंभीर रोगियों को आॅक्सीजन की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। ऐसे हालात में हिन्दुस्तान जिंक द्वारा की गयी पहल सराहनीय है कि कंपनी ने दरीबा स्मेल्टर से 5हजार लिटर प्रतिदिन लिक्विड आॅक्सीजन देने की शुरूआत कर दी है। जिसके तहत् सारे इंतजाम कर पहला आॅक्सीजन का टैंकर उदयपुर पहुंच गया है। जिला प्रशासन इसके लिए जिंक की प्रशंसा करता है और उम्मीद करता है कि इसी प्रकार कोरोना संकट काल मे हमें सहयोग मिलता रहेगा।
जिंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि ‘कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थिति में प्रशासन के साथ हम कंधे से कंधा मिला कर इसके राहत और बचाव के लिए हर संभव सहायता हेतु तत्पर है। आॅक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए जिंक के दरीबा प्लांट से प्रति माह 150 टन लिक्विड आॅक्सीजन की पूर्ति हेतु प्रावधान किया गया है। प्रशासन को सहयोग कर उदयपुर की जनता को राहत दिलाने में जिंक सदैव प्रतिबद्ध है।
हिन्दुस्तान जिंक आॅक्सीजन के लिए वर्ष 2011 से ही आत्मनिर्भर
आॅक्सीजन को बाजार से नही खरीद कर हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा स्थित संयंत्र में वर्ष 2011 से ही आॅक्सीजन प्लांट स्थापित है जिसमें 4 से 5 मेट्रिक टन लिक्विड आॅक्सीजन उत्पादन करने की क्षमता है जिसे 2.5 टन क्षमता वाले टैंकरों मंे संग्रहित किया जाता है। क्रायोजेनिक प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित आॅक्सीजन को संयंत्र में उपयोग मंे लिया जाता है जिसका एक हिस्सा लिक्विड माध्यम में टैंकर में जमा होता है। हिन्दुस्तान जिंक के चंदेरिया स्थित जिंक स्मेल्टर प्लांट में भी संयंत्र में उत्पादित आॅक्सीजन को ही उपयोग में लिया जाता है।