आइसीआर रैंकिंग में एमपीयूएटी को पुनः राज्य में पहला स्थान

राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिग मे किया सुधार – 15वां स्थान प्राप्त किया

उदयपुर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा भारत में कुल 74 कृषि विश्वविद्यालयों, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों एवं राष्ट्रीय स्तर के केंद्रीय कृषि संस्थानों की हाल ही में जारी की गई राष्ट्रीय स्तर की वरीयता सूची में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को प्रदेश के कृषि एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान एवं राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थानों में 15वॉं स्थान प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय हैं कि विगत वर्ष भी एमपीयूएटी प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा था। इस वर्ष एमपीयूएटी ने अपनी रेंकिंग में 26वें से सुधार कर 15वां स्थान प्राप्त किया है।

एमपीयूएटी के माननीय कुलपति, डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने विश्वविद्यालय की इस बड़ी उपलब्धि पर सभी इकाइयों में सेवारत वैज्ञानिकों, शिक्षकों, प्रशासनिक अधिकारियों, शैक्षणेत्तर कर्मचारियां एवं विद्यार्थियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आई.सी.ए.आर. द्वारा प्रदत्त यह प्रतिष्ठित रेंकिंग अनेक पैमानों के आधार पर तैयार की जाती है और विश्वविद्यालय इन कडे़ पैमानों पर खरा उतरा है, यह हम सभी के लिए हर्ष का विषय है। इससे हमारी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी और अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोध परियोजनाओं की स्वीकृति और आई.सी.ए.आर. से मिलने वाली आर्थिक सहायता में एमपीयूएटी को प्राथमिकता मिलेगी। उन्होने कहा कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को हमारे विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने एवं अध्ययन की प्रेरणा भी मिलेगी। माननीय कुलपति ने विश्वविद्यालय की फैकल्टी से आव्हान किया कि इस अकादमिक सत्र में एमपीयूएटी का नाम देश के शीर्ष दस विश्वविद्यालयों लाने का प्रयास करें।

विश्वविद्यालय के विशेषाधिकारी डा. वीरेंद्र नेपालिया एवं नोड़ल अधिकारी ड़ॉ. पी. के सिंह, डीन सीटीऐई ने बताया कि विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय में शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार शिक्षा मे किये गऐ प्रसंशनीय कार्यों के साथ ही अन्य राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाओं के साथ अनुबंध, उत्कृष्ठ शोध प्रकाशनों सहित अनेक मानकों के आधार पर यह रेंकिंग प्रदान की गई है। इसमें कृषि, अभियांत्रिकी, मात्स्यकी एवं सामुदाय विज्ञान और डेयरी व खाद्य प्रौद्यौगिकी में राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति में विद्यार्थियों के चयन, उत्त्तम शोध प्रबंध, विद्यार्थियों के राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान सेवाओं में चयन, राष्ट्रीय पुरस्कार, संकाय सदस्यों की उच्च शिक्षा, पुस्तकालय एवं सूचना प्रौद्योगिकी की समृद्धता एवं विद्यार्थियों के उच्च सेवाओं में चयन को आधार बनाया जाता है। इसी प्रकार शोध-पत्रों की गुणवत्ता, पेटेंट, नवीन प्रजातियों की खोज, विश्वविद्यालय द्वारा प्रजनक बीजों का उत्पादन एवं उत्त्तम श्रेणी की शोध परियोजनाओं की अनुसंधान गुणवत्ता को मानक बनाया जाता है। एमपीयूएटी द्वारा इस आंकलन के दौरान कृषि तकनीकों के प्रसार, संभाग में कृषि के विकास में योगदान, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं इनसे जुड़े कृषकों को मिले राष्ट्र स्तरीय पुरस्कारों के आधार पर एवं विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकों के व्यवसायीकरण एवं साधनों के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है जिसे रेंकिंग मे मुख्य आधार बनाया जाता है।

Related posts:

जिंक फुटबॉल अकादमी ने साल 2022 का किया शानदार आगाज
महावीर युवा मंच द्वारा ‘सावन सुहाना’ उत्सव आयोजित
भारतीय सेना ने 550 किलोमीटर पैदल मार्च कर वीर भूमि को नमन किया, हम उन्हें नमन करते हैं : मेवाड़
जिंक को बेस्ट ऑवरऑल एक्सीलेंस इन सीएसआर श्रेणी में सीएमओ एशिया का बेस्ट सीएसआर प्रेक्टिस अवार्ड
जिंक को बेस्ट प्रेक्टिस इन डिजिटल ट्रांसफोरमेशन के लिए सीआईआई-डीएक्स पुरस्कार
Hindustan Zinc launches passenger EVs for employees to reduce carbon footprint
साहित्यकार औंकारश्री की रूग्‍ण पत्नी को ग्‍यारह हज़ार रुपये का सहयोग
किसी के अधिकारों का कभी हनन नहीं करना ही स्वतंत्रता है : मुनि सुरेश कुमार
सुविवि के नए कुलपति प्रो अमेरिका सिंह ने कुलपति का कार्यभार सम्भाला
सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय का ग्यारहवां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
Radisson Blu Palace Resort and Spa, Udaipur, recognized as the Best Destination Wedding Resort of th...
ओसवाल सभा की प्रथम पिकनिक एवं स्नेह मिलन ‘मल्हार 2024’ सम्पन्न

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *