एम1 एक्सचेंज की मदद से एमएसएमई एवं बड़े कॉर्पोरेट अपनी कार्यशील पूंजी बढ़ाएंगे

उदयपुर (Udaipur)। भारत के अग्रणी ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (ट्रेड्स), एम1 एक्सचेंज (M1xchange) द्वारा ‘ट्रेड्स’ नामक कोलेटरल-फ्री स्पेशल उत्पादों की शुरुआत से कई सारे एमएसएमई को लाभ मिल रहा है। यह प्लेटफॉर्म राज्य में एमएसएमई सैलर्स को विभिन्न फाइनेंसरों द्वारा ऑनलाईन बिडिंग प्रणाली की मदद से 24 घंटों के अंदर लिक्विडिटी प्रदान करने के लिए डिज़ाईन किया गया है। यह जानकारी मंगलवार को होटल राजदर्शन (Hotel Rajdarshan) में आयोजित प्रेसवार्ता में एम1 एक्सचेंज के सीनियर डायरेक्टर सेल्स कौस्तुभ श्रीवास्तव (Kaustubh Srivastava) तथा रिजनल हेड कॉर्पोरेट सेल्स ऋषभ नाटाणी (Rishabh Natani) ने दी।
उन्होंने बताया कि 55 से ज्यादा बैंकों और एनबीएफसी के साथ एमएसएमई एम1 एक्सचेंज पर पंजीकरण कराया जा सकता है और बिना कोई ठोस कोलेटरल या सिक्योरिटी दिए डिजिटल माध्यम से अपनी इनवॉईस पर फंड प्राप्त किया जा सकता है। उन्हें कोई रिकोर्स शुल्क भी नहीं देना पड़ता है और बदले में कॉर्पोरेट अपने एमएसएमई सैलर को काफी कम ब्याज दरों पर ट्रेड्स उपलब्ध होने के कारण उनकी इनपुट लागत को कम कर देते हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेड्स एक इनोवेटिव प्रणाली है, जिसकी परिकल्पना एवं नियमन रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा किए गए हैं। इस प्रणाली द्वारा माईक्रो, स्मॉल और मीडियम उद्यम (एमएसएमई) बहुत ही प्रतिस्पर्धी दरों पर वित्त प्राप्त करके अपने सामने विलंबित भुगतानों के कारण आने वाली चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं। एमएसएमई द्वारा जारी की गई इनवॉईसेज़ को कॉर्पोरेट खरीददार स्वीकार करते हैं, और उन पर एक नीलामी प्रक्रिया द्वारा बाजार में निर्धारित ब्याज दरों पर पूंजी प्रदान करते हैं। इस नीलामी प्रक्रिया में कई वित्तीय संस्थान बोली लगाते हैं। इससे व्यवसायों को अपने भुगतान नियत तिथि से पहले करने में मदद मिलती है, और वो अपने सप्लायर से ज्यादा बेहतर मोलभाव करने में समर्थ बनते हैं, ताकि वो वस्तु व सेवाएं और कम मूल्यों में प्राप्त कर सकें।
उन्होंने बताया कि एम1 एक्सचेंज अपने ट्रेड रिसीवेबल्स प्लेटफॉर्म के लिए मशहूर है और निर्माण, बुनियादी ढांचे, कृषि, स्टील, पॉवर, कैमिकल्स, डेयरी आदि अनेक उद्योगों में कई सारे एमएसएमई को सहयोग कर रहा है। ये औद्योगिक सेक्टर बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान करते हैं और देश के जीडीपी में बड़ा योगदान देते हैं। उनकी कार्यशील पूंजी की जरूरतों को हल करने से एमएसएमई और बड़े कॉर्पोरेट, दोनों ही अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ाने और पूरे विश्व में विस्तार करने में समर्थ बनेंगे। एम1 एक्सचेंज ने एमएसएमई मंत्रालय के साथ उद्यम पोर्टल के लिए एक समझौतापत्र पर हस्ताक्षर भी किया है, जिससे एमएसएमई को उद्यम पोर्टल और एम1 एक्सचेंज के बीच जानकारी के दोतरफा विनिमय का लाभ मिल सकेगा। उद्यम पर पंजीकृत एमएसएमई एक आसान व सुविधाजनक प्रक्रिया द्वारा एम1 एक्सचेंज पर पंजीकृत हो सकेंगी, जिससे वो ट्रेड्स का पूरा लाभ उठाते हुए देश में सबसे कम लागत में लिक्विडिटी पा सकेंगी।
उन्होंने बताया कि मौजूदा वित्तवर्ष में शामिल होने वाले नॉन-बैंकिंग फाईनेंस व्यवसायों (एनबीएफसी) की संख्या में वृद्धि हुई है। इससे प्लेटफॉर्म की वृद्धि हो सकेगी और आईआरडीएआई-अनुमोदित ट्रेड क्रेडिट बीमा शुरू हो सकेगा, जो वर्तमान में आरबीआई नियमों के इंतजार में है। उद्योग ट्रेड्स को बहुत तेजी से अपना रहा है क्योंकि यह बड़े कॉर्पोरेशंस और एसएमई ग्राहकों दोनों को ही लाभ पहुँचाता है। इस प्लेटफॉर्म को विस्तृत रूप से अपनाया जा रहा है, जो काफी आशाजनक संकेत देता है। हम सप्लायर और खरीददार, दोनों के लिए विनिमय की लागत को कम करना एवं एसएमई को अपने रिसीवेबल्स ज्यादा तेजी से प्राप्त करने में मदद करना चाहते हैं। एम1 एक्सचेंज ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के तीसरे समूह के अंतर्गत ‘स्मॉल-स्मॉल फैक्टरिंग’ उत्पाद शुरू किया है। इस उत्पाद का उद्देश्य एमएसएमई खरीददारों और विक्रेताओं के लिए ‘अरली लिक्विडिटी’ संभव बनाना है। इस उत्पाद द्वारा भारत में एमएसएमईज़ के लिए 750 बिलियन डॉलर से ज्यादा का क्रेडिट अंतर दूर करने में मदद मिलेगी।

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