जयपुर। एलजीबीटी समुदाय के लोगों की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए जून माह में मनाए जाने वाले प्राईड मंथ के अंतिम दिन गुरुवार को जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक कम्युनिकेशन टुडे तथा स्वयंसेवी संगठन स्माइल क्रिएटर के संयुक्त तत्वावधान में ‘एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय की वर्तमान स्थिति तथा मीडिया और समाज की भूमिका’ विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में एलजीबीटी समूह के विभिन्न प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। वक्ताओं का मानना था कि एलजीबीटी समुदाय के लोगों को सहानुभूति नहीं वरन आत्म सम्मान और बुनियादी मानव अधिकारों के साथ जीने का हक चाहिए। वक्ताओं ने समाज में ऐसे वर्ग के लोगों के प्रति व्यापक संवेदनशीलता की दृष्टि विकसित करने की आवश्यकता जताते हुए विद्यालय स्तर के पाठ्यक्रमों में इन समूहों के बारे में जानकारी देने की आवश्यकता महसूस की।
महाराष्ट्र की ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट एवं एक निजी विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ककी विजिटिंग फैकल्टी शमिभा पाटिल ने ट्रांसजेंडर के जीवन से जुड़ी समस्याओं पर चित्रा मुग्दल के नाला सपेरा उपन्यास का जिक्र करते हुए अनेक साहित्यिक कृतियों के उदाहरण दिए। उनका मानना था की मुख्यधारा के मीडिया में इस वर्ग को अभी प्राथमिकता एवं प्रमुखता नहीं मिली है। नोएडा की ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट रामकली ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को राजनीतिक अधिकार दिलाने के लिए अपने संघर्ष के बारे में बताया। बनारस में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए पहला शौचालय बनाने के लिए संघर्ष करने वाली ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट सलमा चौधरी ने कहा कि कानूनी स्तर पर भले ही हमें संरक्षण मिला हो लेकिन सामाजिक स्तर पर अभी राहत नहीं मिली है।
स्माइल क्रिएटर के संयुक्त सचिव युवा उपन्यासकार स्वास्तिक साहनी ने पौराणिक और ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए एलजीबीटी की अवधारणा को स्पष्ट किया। युवा एलजीबीटी एक्टिविस्ट रूद्रप्रताप सिंह तथा चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय की शोधार्थी जिज्ञासा राघव ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए।
कम्युनिकेशन टुडे के संपादक तथा राजस्थान विश्वविद्यालय के जन संचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो. संजीव भानावत ने वेबिनार का संचालन करते हुए कहा कि आनुवांशिक विकलांगता के कारण इस समुदाय को जीवन की मुख्यधारा से अलग करना न्यायोचित नहीं है। शहीद मंगल पांडे पीजी गल्र्स कॉलेज,मेरठ में अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर तथा वेबिनार की आयोजन सचिव डॉ. उषा साहनी ने आयोजन की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि भेदभाव रहित समाज के निर्माण में एलजीबीटी समुदाय को साथ जोडऩे के लिए हमें सामूहिक संकल्प शक्ति के साथ साथ संचार माध्यमों का भी भरपूर सहयोग लेना होगा।