कार्मिकों ने एडीएम सिटी को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
आत्मदाह की दी चेतावनी
उदयपुर : राज्य की अकादमियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ओपीएस विकल्प पत्र जमा कराने के बावजूद अब तक पेंशन पीपीओ जारी नहीं हो पाएं हैं। इससे सेवानिवृत्त कार्मिकों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के सेवानिवृत्त कार्मिकों ने सोमवार को एडीएम सिटी राजीव द्विवेदी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंप पेंशन भुगतान शीघ्र कराने का आग्रह किया है। साथ ही 15 अगस्त तक भुगतान नहीं होने पर 16 अगस्त से सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी।
ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार के वित्त विभाग के आदेश क्रमांक प.13 (12)वित्त/नियम/2021 दिनांक 20.04.2023 के संदर्भ में राज्य की अकादमियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपने-अपने ओ.पी.एस. विकल्प पत्र संबंधित अकादमियों में यथासमय प्रस्तुत कर दिए हैं। कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग राजस्थान सरकार के पत्रांक प.19(11) क.स./ 2022, दिनांक 22.06.2023 के अनुसार ओ.पी.एस. हेतु अकादमियों/विभागों के लिए रवीन्द्र मंच सोसायटी, जयपुर को ‘‘नोडल एजेन्सी’’ बनाया गया है। रवीन्द्र मंच सोसायटी जयपुर को राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पेंशन कुलक (सेट ऑफ फार्मस), आवश्यक प्रपत्र व सी.पी.एफ. के सरकारी अंश की राशि मय ब्याज के ट्रेजरी सचिवालय, जयपुर में जमा कराकर अकादमी सचिव महोदय ने रवीन्द्र मंच जयपुर को सूचना आदि प्रेषित कर दी है। ट्रेजरी जयपुर में यह राशि ई ग्रास चालान दिनांक 31.08.2023 व 13.09.2023 से जमा करवाई है। सेवानिवृत्त कार्मिकों की ओर से 12 फरवरी 2024 को प्रस्तुत ज्ञापन पर राज्य सरकार ने प्रबंधक रविन्द्र मंच को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भी प्रदान किए। इसके बावजूद कार्यवाही नहीं हुई। समय-समय पर ज्ञापन के माध्यम से समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया, लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ।
ज्ञापन में बताया कि इन कर्मचारियों ने बैंक आदि से ऋण लेकर सरकार में राशि जमा कराई है और पेंशन के अभाव में परिवार पालन में गंभीर असुविधाओं और तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। कार्मिकों ने जल्द से जल्द पेंशन भुगतान की मांग दोहराई।
इस दौरान राजस्थान साहित्य अकादमी के सेवानिवृत्त सचिव डॉ लक्ष्मीनारायण नंदवाना, डॉ प्रमोद भट्ट, सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी रमेश कोठारी, पूर्व पुस्तकालयाध्यक्ष दुर्गेश नंदवाना, पूर्व वरिष्ठ लिपिक विष्णु पालीवाल, रामदयाल मेहर, भीमशंकर मेनारिया, सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बद्रीलाल मेनारिया व सोहनलाल पानेरी उपस्थित रहे।