शिक्षा को समर्पित परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे 2 लाख से अधिक होनहार

सुपोषण, विद्यालयी शिक्षा से लेकर उच्च और तकनिकी शिक्षा हेतु संबल दे रहा हिन्दुस्तान जिंक
उदयपुर : ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने और उन्हें सुविधाएं प्रदान कर अपने विषय में माहिर बना उन्हें अवसर देने के कार्य में वेदांता समूह और देश की अग्रणी धातु और खनीज कंपनी हिन्दुस्तान जिंक बढ़चढ़ कर अपनी महती भूमिका निभा रहा है। देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग काॅलेज में चयनित छात्रों की बात हो, देश के अण्डर 19 राष्ट्रीय फुटबाॅल टीम में चयनित होने का गौरव हो या ग्रामीण क्षेत्र मंे अध्ययन कर रहे छात्रों के परिणाम में अभूतपूर्व सुधार की बात हो, यह उपलब्धियां बताती है कि आने वाले समय में ये ग्रामीण प्रतिभाएं अपने लक्ष्य को हासिल कर गांव और अपने परिवार का नाम रोशन करने में सफल होगें।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अपने शिक्षा संबल कार्यक्रम में ग्रामीण विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम में सुधार हेतु विषय अध्यापक उपलब्ध कराना, उंची उड़ान कार्यक्रम में आईआईटी की कोचिंग, उच्च शिक्षा के लिए सुविधा,आवासीय शिविरों,आधुनिक शिक्षा, ग्रामीण फुटबाॅल खेल प्रतिभाओं के लिए जिंक फुटबाॅल अकादमी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य और सुपोषण के लिए खुशी परियोजना का संचालन कर रहा है।
शिक्षा संबल के माध्यम से वर्ष 2007 से हिंदुस्तान जिंक ने एक ऐसा मंच प्रदान किया है जो ग्रामीण छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और भविष्य में देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़ने के उनके सपने को पूरा करने का प्रयास किया है। राजस्थान के 5 जिलों चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, अजमेर और उदयपुर के 64 से अधिक राजकीय स्कूलों में पहुँच रहा है। जिसमें इस वर्ष, 7500 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं जिसे विद्या भवन सोसाइटी के सहयोग से शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है।


शिक्षा संबल कार्यक्रम के शिक्षकों तथा अकादमिक टीम द्वारा राजकीय शिक्षकों के साथ मिलकर विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहयोग दिया जा रहा है। 160 राजकीय शिक्षकों को प्रशिक्षण एवं 55 विषयध्यापकों की नियुक्ति कर सहयोग दिया जा रहा है। विभिन्न गतिविधियों के अंतर्गत समर कैम्प तथा विंटर कैम्प का आयोजन, अतिरिक्त तथा नियमित कक्षाओं की व्यवस्था, विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहयोगी शिक्षण सामग्री तथा स्कूलों को पुस्तकालय व प्रयोगशाला हेतु पुस्तकें व सामाग्री प्रदान की जाती है और इनका उपयोग सुनिश्चित किया जाता है। राजकीय शिक्षकों के साथ शिक्षा संबल कार्यक्रम का यह प्रयास कार्यक्रम में शामिल स्कूलों के बोर्ड परीक्षा परिणाम में दिखाई दे रहा है।
ऊंची उड़ान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से असक्षम चयनित विद्यार्थियों को आई.आई.टी. एवं अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग काॅलेजों में प्रवेश के लिए उत्कृष्ट कोचिंग प्रदान की जा रही है। यह उदयपुर में चार वर्षीय स्कूल एकीकृत आवासीय कोचिंग है। रेज़ोनेन्स एडवन्चर्स प्रा.लि. एवं विद्या भवन कोचिंग के लिए भागीदार संस्थाएं हैं। इन छात्रों को मार्गदर्शन के साथ 9वीं से लेकर 12वीं के छात्रों को विशेष तौर पर फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स की कोचिंग के साथ नियमित पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी भी पुरी की जा रही है। वर्तमान में 150 विद्यार्थी इस कार्यक्रम में अध्ययनरत है, अब तक 220 छात्र इससे लाभान्वित हुए है। इनमें से 2 बैच के विद्यार्थियों का चयन आईआईटी एवं एनआईटी के लिए देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं में हुआ है।
जिंक फुटबॉल अकादमी ग्रामीण फुटबाॅल खिलाडियों के लिए अद्वितीय एफ-क्यूब तकनीक के साथ जमीनी स्तर पर उनका विकास कर रहा है। 14 साल से कम आयु के 179 युवा लड़कों का बैच, जावर में जिंक फुटबॉल अकादमी में प्रशिक्षित हो रहा है। यह अकादमी देश में अपने प्रकार की एक मात्र हैं। जिंक फुटबाॅल अकादमी से एक खिलाडी का चयन अण्डर 19 राष्ट्रीय फुटबाॅल टीम में हुआ है वहीं टीम ने राजस्थान स्टेट लीग में जीत हासिल की है।
हिंदुस्तान जिंक की खुशी आंगनवाड़ी परियोजना 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए पोषण-स्वास्थ्य-शिक्षा में सुधार के लिए समर्पित है जिसके तहत् 3145 आंगनवाडियों में यह परियोजना संचालित कर 1.90 लाख से अधिक नौनिहालों के सर्वागिण विकास को सुनिश्चित किया जा रहा है। आंगनवाडी के 65 प्रतिशत बच्चें जो कि अतिकुपोषित और कुपोषित थे खुशी परियोजना के अंतर्गत सामान्य बच्चों की श्रेणी में लाया गया है। साथ ही आंगनवाडियों को नंदघर में परिवर्तित करने का कार्य भी किया जा रहा है।
जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम में 600 से अधिक विशेषयोग्यजन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता के देने का प्रयास है किया जा रहा है ताकि ये बच्चे अपने परिवार के सदस्य बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। इसी कार्यक्रम के तहत् 28 अध्यापकों को इण्डियन साइन लैंग्वेज का प्रशिक्षण दिया जाता है। हिन्दुस्तान जिंक ने नेत्रहीन लोगों के लिए साइन लैंग्वेज टेªनिंग का शुभारंभ करना तथा नेत्रहीनों तथा मूक बधिर को तकनाॅलोजी पर आधारित शिक्षा एवं इनकी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाएं हैं।
हिंदुस्तान जिंक इंजीनियरिंग करने वाले युवाओं के लिए यशद स्काॅलर्स योजना के तहत् छात्रवृत्ति प्रदान करता है। वेदांता पोस्ट-ग्रेजुएट गर्ल्स कॉलेज, रिंगस में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए अपने संचालन क्षेत्र के आसपास के गांवों की लड़कियों के लिए निःशुल्क अध्ययन करा रहा है इस वर्ष इनमें 120 ग्रामीण छात्राओं ने प्रवेश लिया है।

Related posts:

कागज की थैलियां बांट लोगों को किया जागरूक

विश्व पर्यावरण दिवस- हिन्दुस्तान जिंक  3.32 गुना वाटर पॉजिटिव कंपनी बनी

डॉक्टर्स डे पर पिम्स हॉस्पिटल, उमरड़ा में वृक्षारोपण

Hindustan Zinc Publishes Climate Action Report: First in Indianmetals sector aligned with Climate Di...

नारायण सेवा संस्थान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हिन्दुस्तान जिंक़ देबारी में सखी उत्सव आयोजित

अजयकुमार आचार्य जार के जिलाध्यक्ष बने

आयुर्वेद महाविद्यालय में वेदारंभ कार्यक्रम का शुभारंभ

दिव्यांग दम्पति व बच्चे की मदद

राज्यपाल ने लक्ष्यराज के आमंत्रण पर सिटी पैलेस संग्रहालय का किया अवलोकन

Hindustan Zinc Recognized as India’s Largest Integrated Silver Manufacturer at India Silver Conferen...

हिन्दुस्तान जिंक को वाटर मैनेजमेंट के क्षेत्र में ‘नेशनल अवार्ड’