कांसेप्चुअल फ्रेमवर्क ऑफ ब्लॉक्चेन अकाउंटिंग पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन

उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के लेखांकन एवं व्यवसायिक सांख्यिकी विभाग द्वारा शनिवार को कांसेप्चुअल फ्रेमवर्क ऑफ ब्लॉक्चेन अकाउंटिंग पर ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. अमरिका सिंह ने अपने बधाई संदेश में बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए वित्त लेखांकन का नई तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, क्लाउड कंप्यूटिंग व मशीन लर्निंग के साथ जुड़ाव समय की मांग है।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने बताया कि स्पष्टता एवं पारदर्शिता की कमी के चलते ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का जन्म हुआ। उन्होंने ब्लॉकचेन एकाउंटिंग के लाभ हानियां व चुनौतियों के बारे में विस्तार में बताया। वाणिज्य महाविद्यालय के अधिष्ठाता, फैकल्टी चेयरमैन संगोष्ठी संरक्षक प्रो. पी.के. सिंह ने विभाग को संगोष्ठी के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी और सभी का स्वागत किया।
 संगोष्ठी के निर्देशक तथा विभाग के अध्यक्ष प्रो. शूरवीरसिंह भाणावत ने बताया किसी भी विभाग का विकास शिक्षा, शोध व परामर्श तीन आयामों पर निर्भर होता है। विभाग के कई शिक्षा कार्यक्रमों को रूसा से अनुदान की राशि प्राप्त हो रही है। पिछले 2 वर्षों से विभाग को शोधकार्य हेतु आईसीएआई द्वारा पुरस्कृत किया गया है एवं विभाग के कई शोधार्थियों के शोध पत्र आईसीएआई द्वारा पब्लिश जर्नल में प्रकाशित हो रहे हैं। परामर्श हेतु टैक्स क्लीनिक की सुविधा भी विभाग में प्रस्तावित है जिससे अनेक विद्यार्थियों व उदयपुर के नागरिकों को परामर्श की सुविधा प्राप्त होगी। विभाग की सहायक आचार्य तथा संगोष्ठी की आयोजक सचिव डॉ. पारुल दशोरा ने संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
 तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता नैरोबी केन्या के अग्रणी ब्लॉकचेन विशेषज्ञ श्री बेंजामिन अरुंडा ने अपनी राय व्यक्त करते हुए बताया कि यह तकनीक अभी शुरुआती स्तर पर ही है। ब्लॉकचेन तकनीकी वजह से ही दो दूरस्थ स्थानों के मध्य कनेक्शन सुरक्षित हो पाना संभव हुआ है। सामान्यत: दूरस्थ स्थानों के बीच किसी भी तरह के ट्रांजैक्शन के लिए एक मध्यस्थ की आवश्यकता होती है। ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शंस में अविश्वास को दूर करता है, ब्लॉकचेन को एक ट्रस्ट मशीन की तरह देखा जा सकता है जिसके तहत दो पार्टी निश्चिंता से कोई भी ट्रांजैक्शन कर सकती है।
तकनीकी सत्र के स्पीकर स्पेन के बार्सिलोना स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की वित्तीय लेखांकन एवं नियंत्रण विभाग की डायरेक्टर डॉ. लूज पैरोंडों ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर अपना ज्ञान साझा करते हुए बताया कि इस तकनीक के क्रियान्वयन के बाद एकाउंट्स का काम और भी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि जो भी कंपनियां अभी डिजिटल असेट्स एवं एनएफटी पर काम कर रही हैं उन्हें नहीं पता कि उन्हें वित्तीय सूचनाओं में कैसे दिखाया जाए। अपनी राय व्यक्त करते हुए डॉ लूज ने बताया कि सभी लेखांकन विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों को इस क्षेत्र में बहुत शोध कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि कई प्रकार के ब्लॉकचेन प्लेटफॉम्र्स उपलब्ध है और सभी ब्लॉकचेन प्लेटफॉम्र्स डिसेंट्रलाइज्ड या इम्यूटेबिलिटी को लेकर नहीं बने हैं। अत: किसी भी कंपनी या संस्था को ब्लॉकचेन प्लेटफार्म चयन करने से पहले उस प्लेटफार्म को समझना आवश्यक है तथा उसी के अनुसार अपनी कार्यप्रणाली का चयन किया जाना आवश्यक है।  तकनीकी सत्र की अध्यक्षता उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद की प्रो. वी उषा किरण ने की।
संगोष्ठी में प्रो. मुकेश माथुर, प्रो. मंजू बाघमार , प्रो. राजेश्वरी नरेंद्रन, डॉ. शिल्पा वर्डिया, डॉ. शिल्पा लोढ़ा ,डॉ. आशा शर्मा, पुष्पराज मीणा ,डॉ. समता ओरडिया, सीए अणिमा चोरडिय़ा व अमरीन खान मौजूद रहे।

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