एक महिने में 3 और अब उदयपुर की सभी तहसीलें हुई ऑनलाईन
उदयपुर : राज्य सरकार द्वारा बुधवार को जिले की अंतिम तहसील कानोड़ को ऑनलाईन होने की जारी अधिसूचना के बाद अब उदयपुर जिले की सभी तहसीलें ऑनलाइन हो गई है। आमजनों के हित में जिले को यह उपलब्धि जिला कलक्टर चेतन देवड़ा की पहल पर पिछले वर्ष भर में बकाया चल रही 6 तहसीलों को ऑनलाईन करने के लिए की गई कवायद के बाद प्राप्त हुई है।
कलक्टर देवड़ा ने बताया कि गत एक महिने में भींडर, वल्लभनगर व कानोड़ तहसील को ऑनलाईन किया गया है जबकि इससे पहले गोगुन्दा, झाड़ोल और मावली को ऑनलाईन करवाया गया। पिछले वर्षभर में 6 तहसीलों के ऑनलाईन होने के बाद अब जिले की समस्त 17 तहसीलों का राजस्व रिकार्ड ऑनलाईन अपलोड कर दिया गया है। इसके ऑनलाईन होने से राजस्व संबंधित कार्यों का त्वरित निस्तारण होगा जिससे आमजनों को काफी राहत मिलेगी। कलक्टर देवड़ा ने बताया कि ऑनलाइन हुई सभी तहसीलों की जमाबंदी और नक्शे अब ऑनलाईन हो चुके हैं। ऑनलाइन हुई तहसीलों के किसानों को अब इंटरनेट के सहारे मोबाइल या कंप्यूटर पर ही भूमि संबंधित सभी जानकारी मिल पाएगी। काश्तकारों को अपनी भूमि की जमाबंदी, गिरदावरी, नक्शा आदि देखने के लिए तहसील या पटवार घर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। म्यूटेशन संबंधित कार्य को भी ऑनलाईन किया जा सकेगा।
ऑनलाईन होने से यह होगा फायदा:
कलक्टर देवड़ा ने बताया कि तहसीलों के ऑनलाइन होने से लोगों को अपनी भूमि संबंधी जमाबंदी, नक्शा, खसरा नंबर, खेतों की रास्तों की दूरी, ऐतिहासिक दस्तावेज, लोकेशन, राजस्व अधिकारी की सूचना आदि ऑनलाइन मिल सकेंगी इसी प्रकार किसानों को समर्थन मूल्य पर उपज बेचने, केसीसी बनाने, मुआवजे के अलावा अन्य कामों के लिए बार बार जमाबंदी, गिरदावरी, नकल व नक्शा लेने के लिए पटवारी के पास जाना पड़ता था, अब यह सारी चीजें ऑनलाइन ही निकलवा कर यह काम कम समय में हो पाएगा। भूमि ऑनलाइन होने से पटवारी के काम में गति आएगी और कई प्रकार की समस्याओं का निराकरण हो जाएगा। किसान जमीन को खरीदे या बेचे रजिस्ट्री के साथ ही ऑनलाइन नामांकन की प्रकिया शुरू हो जाएगी। ई-धरती सॉफ्टवेयर से खातेदारों का रिकार्ड अलग-अलग हो सकेगा।