महोत्सव के अंतिम दिन बॉलीवुड, फ्लेमेंको, लोक और वैश्विक संगीत का संगम, बालीवुड सिंगर शान, द वेस्टर्न घाट्स, सारंगी ऑर्केस्ट्रा, फरीदकोट की प्रस्तुतियों का छाया दिलों दिमाग पर जादू
उदयपुर (डॉ. तुक्तक भानावत )। तीन दिनों तक विश्व के 15 देशों की 100 से अधिक जानी मानी हस्तियों के सुर संगम की विविध प्रस्तुतियों के साथ वेदांता उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2025 का समापन हुआ जिसमें भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगीत की झलक देखने को मिली।
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हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड और राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग के सहयोग और सहर द्वारा परिकल्पित यह महोत्सव सभी के लिए निःशुल्क था, जिसमें दर्शकों को समृद्ध संगीतमय अनुभव मिला। अंतिम दिन की शुरुआत मांजी का घाट पर सुकृति सेन के भावपूर्ण शास्त्रीय रागों से हुई, जिसके बाद स्पेन के लुइस डे ला कैरासका और मैनुअल गोमेज ने फ्लेमेंको की लय से माहौल को सुरों से सराबोर दिया। दोपहर में, फतेह सागर पाल पर काव्यराग कलेक्टिव ने मीरा, कबीर, फैज और हरिवंश राय बच्चन से प्रेरणा लेते हुए कविता और संगीत का संयोजन प्रस्तुत किया। अर्जेंटीना के लॉस कैलचकिस ने एंडियन लोक ध्वनियों को पेश किया, जबकि वेस्टर्न घाट्स ने इंडी-लोक को पॉप, रॉक और इलेक्ट्रॉनिक संगीत के फ्यूजन के साथ प्रस्तुत किया। शाम को गांधी ग्राउंड हाई एनर्जी प्रस्तुतियों के साथ जीवंत हो उठा। सारंगी ऑर्केस्ट्रा ने राजस्थान की लोक परंपराओं की गहरी, गूंजती हुई ध्वनियों से रसविभोर कर दिया। फरीदकोट ने अपने पंजाबी लोक-रॉक के साथ श्रोताओं को ज़ोरदार तालियाँ बजाने और हर बोल के साथ ताल से ताल मिलाने पर मजबूर कर दिया। फिलीपींस के गर्ल्स ग्रुप काया ने वहां के मूल और लोकप्रिय हिट का संगम प्रस्तुत किया। संगीत समारोह शान के साथ हाई परफारमेंस पर समाप्त हुआ, जिसके बॉलीवुड गानों का दर्शकों ने गुनगुना कर साथ दिया।
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सहर के संस्थापक-निदेशक संजीव भार्गव ने कहा कि, वेदांता उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2025 विशेष है, क्योंकि यह कई अलग-अलग संगीत परंपराओं को एक मंच पर लाता है। हर साल, लोग इसे अपना वार्षिक डिटॉक्स कहते हैं, जो दिनचर्या से दूर जाने और खुद को संगीत और संस्कृति से रूबरू होने का अवसर है। इस महोत्सव के लिए संगीत प्रेमियों का प्यार हमें आगे बढ़ाता है, और हम प्रत्येक संस्करण को सार्थक बनाने के लिए दुनिया भर के कलाकारों को लाना जारी रखेंगे।
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हिन्दुस्तान ज़िंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि, हिंदुस्तान ज़िंक में हम कला और संस्कृति को एकीकृत करने की शक्ति में विश्वास करते हैं और इसका उत्सव मनाते हैं। हमें इस तीन दिवसीय महोत्सव का सहयोग करने पर गर्व है, जो कला और परंपराओं दोनों से संगीत प्रेमियों को साथ लाता है। ज़िंक सिटी उदयपुर में विश्व के जाने माने कलाकारों को एक साथ आते देखना प्रेरणादायक था, एक ऐसा शहर जिसने संगीत प्रेमियों का पूरे मन से स्वागत किया है। हमारे प्रयासों के माध्यम से, हमने शान, कनिका कपूर, यूफोरिया, ग्रैमी विजेता कलाकार डोबेट ग्नाहोरे, काया (फिलीपींस-पॉप गर्ल बैंड), और अल्जीरियाई ब्लूज रॉक बैंड टिवीज़ा और कई अन्य जैसे भारतीय और वैश्विक संगीत प्रतिभाओं को उदयपुर लाने में सफल हुए है। यह महोत्सव एक शानदार सफलता थी और इसने उदयपुर को वैश्विक और भारतीय संगीत का आनंद लेने के लिए आदर्श शहर के रूप में स्थापित किया। हम इस उल्लेखनीय सहयोग को जारी रखने और आने वाले वर्षों में संगीत की परिवर्तनकारी शक्ति को देखने के लिए तत्पर हैं।
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शान ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि, वेदांता उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल में प्रस्तुति देना वास्तव में विशेष था। खुले आसमान के नीचे गाने में कुछ जादुई होता है, जिसमें लोग केवल संगीत के प्यार के लिए एक साथ आते हैं। यह कार्यक्रम ध्वनियों और संस्कृतियों का इतना सुंदर संगम लेकर आया है, और मैं पहले से ही फिर से आने के लिए उत्सुक हूँ!
तीन दिनों तक आयोजित इस उत्सव में दुनिया भर के कलाकारों ने भाग लिया, जिनमें से प्रत्येक ने इस कार्यक्रम में अपनी अनूठी ध्वनि से लबरेज़ किया। अल्जीरिया से टिवीज़ा बैंड ने ब्लूज और रॉक का फ्यूजन दिखाया, जबकि सुकृति-प्रकृति कक्कड़ ने बॉलीवुड-पॉप की प्रस्तुति दी। कोट डी आइवरी की ग्रैमी-विजेता कलाकार डोबेट ग्नाहोरे ने अपनी एफ्रो-पॉप धुनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्नेटिक और फारसी शास्त्रीय प्रदर्शनों ने गहराई को जोड़ा, साथ ही कर्ष काले और पीटर टेगनर (भारत-स्वीडन) और हंगरी के रोमानो ड्रोम जैसे फ्यूजन ने भी इसमें चार चाँद लगा दिए। यूफोरिया के रॉक एंथम और कुत्ले खान के राजस्थानी लोक संगीत की ऊर्जा को उच्च बनाए रखा।
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जैसे-जैसे उत्सव समाप्त हुआ, यह एक बार फिर एक ऐसा स्थान साबित हुआ जहाँ संगीत सीमाओं को पार करता है, लोगों को ध्वनि, लय और साझा अनुभवों के माध्यम से एक साथ लाता है। दुनिया भर के कलाकारों के साथ, वेदांता उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल ने उदयपुर को विश्व संगीत के लिए जीवंत केंद्र के रूप में फिर से पहचान दिलायी।