उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पिम्स हॉस्पिटल, उमरड़ा के रेडियोलॉजी विभाग में में बुधवार को विश्व रेडियोलॉजी दिवस मनाया गया। पिम्स हॉस्पिटल के चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने सभी को शुभकामनाएं दी। आर्मी हॉस्पिटल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डॉ. यादवेंद्रसिंह यादव विशिष्ठ अतिथि थे। साईं तिरुपति यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. जे. के. छापरवाल, पिम्स के डीन डॉ. सुरेश गोयल, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. चंद्रा माथुर, सभी डिपार्टमेंट के हेड, रेजिडेंट डाक्टर्स वह टेक्निकल स्टाफ ने भाग लिया।
रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. हरिराम ने रेडियोलोजी विभाग में उपलब्ध एक्सरे, सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई, फ्लोरोस्कॉपी, डीएसए, मैमोग्राफी व इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी से संबंधित सुविधाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इससे शरीर के विभिन्न रोगों व अंदरूनी चोटों का पता आसानी से लगाया जा सकता है जिससे मरीजों का इलाज करने में आसानी होती है। डॉ. हरिराम ने रेडियोलॉजी के जनक प्रो. विलियम कोनार्ड रोंजन के जीवन पर बताया कि उन्होंने 8 नवंबर 1895 में एक्स-रे तकनीक की खोज की थी। इसके बाद मरीजों की जांच प्रक्रिया में अहम बदलाव आ गया। इस खोज के बाद से विश्वभर में चिकित्सा जगत में महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की। इस अवसर पर ऑर्थोपेडिक्स हेड डॉ. बी. एल. कुमार, रेडियोलॉजी विभाग से डॉ. राजाराम शर्मा, डॉ. सौरभ गोयल, गाइनेकोलॉजी के एचओडी डॉ. भटनागर, जनरल सर्जरी के हेड डॉ. पी.पी. शर्मा, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. कमलेश व डॉ. कुशवाहा समेत कई लोग मौजूद रहे। आयोजन को ऑर्गनाइज रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के इंचार्ज जयप्रकाश त्यागी ने व्यवस्थित तरीके से किया।