वेदांता पीजी काॅलेज रिंगस में अध्ययन कर गांव का नाम रोशन कर रही बालिकाएं
उदयपुर : वेदांता समूह की जिंक-सीसा-चांदी कंपनी हिंदुस्तान जिंक, के संचालन क्षेत्र के आस पास की ग्रामीण बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ये बालिकाएं वेदांता पीजी काॅलेज रिंगस में अध्ययन कर न सिर्फ उच्च शिक्षा हासिल कर रही है बल्कि उच्च पदों पर कार्य कर स्वयं और गांव का नाम भी रोशन कर रह है। इस वर्ष उच्च माध्यमिक शिक्षा के बाद रिंगस कॉलेज में शामिल होने के लिए 57 ग्रामीण और आदिवासी बालिकाओं ने प्रवेश लिया है। वेदांता पीजी गर्ल्स कॉलेज रिंगस जो ‘मातृ मंगल, जन मंगल‘ सिद्धांत पर संचालित है, अब तक 3,000 से अधिक छात्रों के करियर के संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये बालिकाएं राजस्थान के 5 जिलों राजसमंद के दरीबा, उदयपुर के देबारी और जावर, भीलवाड़ा के आगुचा, चित्तौडगढ़ के चंदेरिया एवं अजमेर के कायड से यहा अध्ययनरत हैं।
विगत कुछ वर्षो में हिंदुस्तान जिंक ने बालिकाओं की शिक्षा हेतु सहयोग किया है एवं उनकी सफलता की दिशा में आगे बढ़ने के मार्ग को प्रशस्त करने में सहायता की है। इस पहल एवं सफलता का उदाहरण आगुचा गांव की आरती माली है, आरती वर्तमान में बीए द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत है। हिन्दुस्तान जिं़क के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आरती का कहना है कि संकाय, कौशलपरख पाठ्यक्रम और बुनियादी ढांचे ने न केवल उसे एक बेहतर विद्यार्थी बनने में सहायता की, बल्कि उन्हें पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया साथ ही आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिससे काॅलेज उपरान्त लक्ष्य निर्धारित करने और व्यक्तित्व विकास में भी निखार आया है।
इसी तरह, राजसमंद जिले के राजपुरा गाँव की निवासी पिंकी कुमारी अपने भविष्य में सफलता के लिये हिन्दुस्तान जिं़क और रिंगस के बिना असंभव होना मानती है क्योंकि उनके गांव में उच्च शिक्षा के लिये इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध नही है। आगुचा के कोठिया गांव की नाजिया बानो रिंगस में बी.एससी तृतीय वर्ष की छात्रा है जो इसी तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अपनी उपलब्धियों का श्रेय हिन्दुस्तान जिंक और माता पिता को देती है। पिछले कुछ दशकों में किये गये अध्ययन से निश्चित तौर पर यह सामने आया है कि बालिका शिक्षा न केवल समाज बल्कि देश के भविष्य के लिये भी महत्वपूर्ण है। हिन्दुस्तान जिं़क बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
हिंदुस्तान जिंक, अपने विभिन्न शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से, ग्रामीण समुदायों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच को सक्षम करके साक्षरता की कमी को दूर करने के लिए कार्यरत है। इस हेतु खुशी आंगनवाड़ी नंद घर कार्यक्रम स्वास्थ्य और पोषण में सुधार और पूर्वस्कूली शिक्षा प्रदान कर रहा है।, शिक्षा संबल परियोजना माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा, ऊंची उड़ान परियोजना के तहत, आसपास के क्षेत्रों की युवा प्रतिभाओं को आईआईटी और अन्य प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए शैक्षणिक कोचिंग प्रदान कर रही है। इसी प्रकार वेदांता रिंगस कॉलेज के माध्यम से, उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करने वाली बालिकाओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। दिव्यांग युवाओं को सशक्त बनाने के हिस्से के रूप में, जीवन तरंग परियोजना उन्हें मुख्यधारा और क्षमतावर्धन का कार्य कर रही है।