उदयपुर में राष्ट्रीय कवि संगम का चित्तौड़ प्रांतीय अधिवेशन संपन्न

जब कोई भाषा मरती है तो केवल भाषा नहीं मरती, बहुत कुछ मरता है : जोगेश्वर गर्ग

उदयपुर। राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक (कैबिनेट मंत्री) व राष्ट्रीय कवि संगम के प्रदेशाध्यक्ष जोगेश्वर गर्ग ने कहा है कि जब कोई भाषा मरती है तो केवल भाषा नहीं मरती, बहुत कुछ मरता है। हमारा दुर्भाग्य है कि हमारी राजस्थानी इसी दौर से गुजर रही है। गर्ग शनिवार को प्रताप गौरव केन्द्र में राष्ट्रीय कवि संगम के एकदिवसीय चित्तौड़ प्रांतीय अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे थे।  गर्ग ने कहा कि राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए इसके सभी स्वरूपों के विद्वानों की एक समिति गठित कर इसके सभी घटकों को मिलाकर लिखित रूप के लिए मानक रूप निर्धारित करना होगा। उन्होंने राजस्थानी की मान्यता के संघर्षों के अनुभव साझा करते हुए कहा कि मौखिक रूप में तो भिन्नता स्वाभाविक है पर हमें कौनसी राजस्थानी जैसी शंका और विवादास्पद प्रश्न नहीं खड़े करने चाहिए । राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा के माध्यम से शिक्षा के रूप में इसके लिए स्वर्णिम अवसर है।

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने कहा कि महाराणा प्रताप के विराट व्यक्तित्व का विश्लेषण विवेचन और चित्रण नवीन शोध के साथ नयी पीढ़ी का दायित्व हो जाता है। उन्होंने आह्वान किया कि हम कवियों को सरस्वती ने सृजन का विशेष वरदान दिया है हमारा ध्येय रहे कि हम जिस भाषा में लिखें राष्ट्र के निर्माण के लिए लिखें। हर पालक का एक बालक कवि होना चाहिए और हर बालक का एक पालक कवि होना चाहिए, जिस प्रकार हम संपत्ति का वारिस तैयार करते हैं उसी प्रकार कवि को कविता का वारिस भी तैयार करने से ही भाषा और संस्कृति का प्रवाह अनवरत तथा जीवित रह पाएगा।

प्रथम सत्र को संगम के राष्ट्रीय मंत्री योगेन्द्र शर्मा, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष किशोर पारीक, प्रदेश महामंत्री विवेकानंद ने सम्बोधित किया जबकि विशिष्ट अतिथि प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने प्रताप के वास्तविक इतिहास और गौरव केन्द्र की गतिविधियों से परिचित कराया। आरंभ में कवि संगम के प्रांतीय अध्यक्ष घनश्याम सिंह भाटी ने सदन की ओर से क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़े सभी पूर्वाग्रहों को त्यागकर सभी भाषाओं के विद्वानों की समिति के रूप में राजस्थानी के मानक रूप तय कर इसे मान्यता दिलाने हेतु संकल्प एवं आश्वस्त किया। कार्यक्रम में प्रदेश मंत्री आशा पाण्डे ओझा के संचालन में उदयपुर के जिलाध्यक्ष डॉ. उपवन उजाला ने अतिथियों का स्वागत किया जबकि आभार प्रांतीय महामंत्री प्रह्लाद पारीक ने प्रस्तुत किया। द्वितीय सत्र में अधिवेशन में सहभागी कवियों ने अपनी प्रतिनिधि रचनाएं प्रस्तुत की। अधिवेशन के विभिन्न सत्रों में चित्तौड़ प्रांत के विभिन्न जिलों से पहुंचे रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर विचार मंथन किया।

Related posts:

कलाकारों को संबल देने के लिए कश्ती फाउंडेशन बना रहा ‘तैराकी’ फीचर फिल्म
नेशनल डिसएब्ल्ड क्रिकेट चैंपियनशिप 15 से
शरदचन्द्र पुरोहित उत्तर-पश्चिम रेलवे के सेके्रटरी जनरल नियुक्त
पीआईएमएस में वल्र्ड एड्स दिवस मनाया
निर्जरा भावना, बोद्धि दुर्लभ भावना, धर्म भावना तथा लोक भावना पर कार्यशाला
Vedanta to invest Rs 1 Lakh Crores in Rajasthan: Powering Rajasthan’s ambition of becoming a US$350 ...
फ़ाइबर निर्मित दो विशाल हाथियों का अनावरण 
तप अभिनंदन समारोह आयोजित
भारत के आर्थिक सुधारों के लिए चांदी उत्पादन एक उम्मीद की किरण
57 Rural &Tribal Girl Students join Ringus College
हिंदुस्तान जिंक द्वारा ओरडी में आरओ प्लांट और डबोक में वाटर एटीएम का उद्घाटन
35वां दिव्यांग सामूहिक विवाह समारोह कल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *