उदयपुर। राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर ने रियासतकालीन अभिलेखों के अध्ययन, शोध के लिए मारवाड़ी सीखने का एक ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप दुनिया का अनूठा ऐसा ऐप है जिसके माध्यम से रियासतकालीन बहीयों की लिपि को समझ सकेंगे। बहियों मे दर्ज चिंह को समझ सकेंगे कि ये चिन्ह क्या कह रहा है, इसका क्या मतलब है। राजस्थान राज्य अभिलेखागार में विभिन्न रियासतों के अभिलेख संरक्षित हैं। बीकानेरी, मारवाड़ी, मेवाड़ी, हाडोती, ढूढ़ाड़ी, अरबी, फ़ारसी, अंग्रेजी, हिंदी भाषाओं के अभिलेख लाखों-करोड़ों की संख्या मे संरक्षित किए हुए हैं। इन अभिलेखों की भाषा की बनावट में अंतर होने से इनका एक अर्थ निकालने में समस्या उत्पन्न हो रही थी जिसका निस्तारण इस ऐप के माध्यम से किया गया है। इस ऐप के माध्यम से बीकानेरी, मारवाड़ी, मेवाड़ी, हाडोती, व ढूढ़ाड़ी भाषा के साथ-साथ बहियों में दर्ज संकेतों को भी अच्छी तरह से समझ कर नई-नई जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
निदेशालय बीकानेर के अभिलेखागार में ही 35 करोड़ अभिलेख संरक्षित किए हुए हैं। राजस्थान राज्य अभिलेखागार का मुख्यालय बीकानेर में है। इसके अतिरिक्त उदयपुर, अजमेर, जोधपुर, कोटा, भरतपुर, जयपुर, अलवर में शाखाएं हैं जहाँ प्रशासनिक व ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अभिलेख संरक्षित किए हुए हैं। भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में राजस्थान राज्य अभिलेखागार का अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। यह दुनिया का एक अनूठा अभिलेखागार है इसकी शाखों के अभिलेखों की भी अलग-अलग विशेषता रही है संभवत: मेवाड़ रियासत द्वारा ही सबसे अधिक ताम्रपत्र जारी किए गए थे जो मात्र उदयपुर शाखा में ही उपलब्ध थे। उन्हें निदेशालय बीकानेर में जमा करवा कर अभिलेख संग्रहालय में ताम्रपत्र गैलेरी मे प्रदर्शित किया गया है। उदयपुर अभिलेखागार में संवत 1735 यानि वर्ष 1678 की बही संरक्षित की हुई है। उदयपुर अभिलेखागार में मेवाड़ रियासतकालीन ऐतिहासिक व प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अभिलेख देखने को मिलेंगे जैसे जागीर, माफी, पुण्य-माफी, माल, खालसा, रेवेन्यू, फॉरेन पोलिटिकल एजेंट, पीडब्ल्यूडी व मेवाड़ रियासतकालीन गजट, डिप्टी कलेक्टर जागीर सहित अनेक अभिलेख अध्ययन व शोध हेतु मिलेंगे।