हिन्दुस्तान जिंक इंटरनेशनल कांसिल ऑन माइनिंग एण्ड मेटल्स में शामिल होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी

सस्टनेबल विकास और जिम्मेदारी पूर्ण खनन के लिए ग्लोबल बैंचमार्क स्थापित करने वाले 25 ग्लोबल लीडर में से एक
2021 के बाद से आईसीएमएम का पहला नया सदस्य
उदयपुर ।
भारत की एकमात्र और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड इंटरनेशनल कांसिल ऑन माइनिंग एण्ड मेटल्स में शामिल होने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है, यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिसने भारत को जिम्मेदारी पूर्ण खनन के वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करती है।
आईसीएमएम दुनिया की 25 प्रमुख खनन और धातु कंपनियों का एक नेतृत्व निकाय है। यह खनन में सस्टेनेबल विकास, पारदर्शिता और नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हिन्दुस्तान जिंक की सदस्यता एक कड़ी स्वतंत्र समीक्षा और आईसीएमएम की परिषद जिसमें सदस्य कंपनियों के सीईओ शामिल हैं द्वारा दिए गए अनुमोदन के बाद मिली है। यह 2021 के बाद से आईसीएमएम का पहला नया सदस्य है और दक्षिण एशिया में आईसीएमएम की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन, प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा कि, इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स में शामिल होना हिन्दुस्तान जिंक और भारत के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह हमारे देश के खनन उद्योग को वैश्विक मंच पर लाता है, साथ ही सस्टेनेबिलिटी, नवाचार और जिम्मेदार संसाधन विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। यह ग्लोबल एनर्जी ट्राजिंशन में अग्रणी भूमिका निभाने का अवसर है।
इस उपलब्धि के साथ, हिन्दुस्तान जिंक जिम्मेदार और सस्टेनेबल माइनिंग के भविष्य का समर्थन करने वाले वैश्विक अग्रणी कंपनी के एक विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है, और इस प्रकार आईसीएमएम की 40 प्रदर्शन अपेक्षाओं के प्रति प्रतिबद्ध है, जो पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) प्रथाओं पर आधारित हैं। इनमें तृतीय-पक्ष सत्यापन शामिल है और ये सभी कंपनी परिसंपत्तियों पर लागू होते हैं।
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा कि, हिंदुस्तान जिंक के लिए आईसीएमएम में शामिल होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनना सम्मान और बड़ी जिम्मेदारी दोनों है। यह उपलब्धि पारदर्शिता, नवाचार और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित हमारी सस्टेनेबिलिटी 2.0 की ओर नया अध्याय है। हमारे लिए, सस्टेनेबिलिटी और अच्छा व्यवसाय साथ-साथ चलते हैं, और यह हमारे पर्यावरण, हमारे समुदायों और बड़े पैमाने पर उद्योग पर स्थायी सकारात्मक प्रभाव बनाने के लिए एक रणनीतिक अनिवार्यता है। जैसा कि हम अपने संचालन के हर पहलू में आईसीएमएम के सिद्धांतों को एकीकृत करते हैं, हम अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने और वैश्विक साथियों से दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं, जिससे दुनिया भर में खनन और ग्रह के लिए एक सुरक्षित, अधिक जिम्मेदार भविष्य में योगदान हो सके।
आईसीएमएम के अध्यक्ष और सीईओ रोहितेश धवन ने कहा कि, हमें हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड का आईसीएमएम के पहले भारतीय सदस्य के रूप में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। हिन्दुस्तान जिंक की सदस्यता न केवल हमारे सामूहिक प्रयासों को मजबूत करेगी, बल्कि भारत के खनन उद्योग में इसके अपने नेतृत्व को भी मजबूत करेगी। यह आईसीएमएम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है – 2021 में बोलिडेन के शामिल होने के बाद से यह हमारा पहला नया सदस्य है और इस क्षेत्र में हमारी भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उदयपुर में मुख्यालय वाली कंपनी हिन्दुस्तान जिंक के संचालन में उत्तर-पश्चिम भारत में चांदी-सीसा-जस्ता भूमिगत खदानें, स्मेल्टर और संबद्ध बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध इकाई के रूप में, कंपनी स्वतंत्र शासन, स्थिरता रिपोर्टिंग और प्रकटीकरण प्रथाओं को बनाए रखती है। आईईआरपी ने टेलिंग प्रबंधन, डीकार्बोनाइजेशन, सर्कुलर इकोनॉमी और विविधता, समानता और समावेशन (डीईआई) में हिन्दुस्तान जिंक के नेतृत्व को मान्यता दी।
हिन्दुस्तान जिंक को मेटल और माइनिंग क्षेत्र में सस्टनेबिलिटी के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है। 2024 में, कंपनी को लगातार दूसरे वर्ष एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट द्वारा इस क्षेत्र की दुनिया की सबसे सस्टेनेबल कंपनी का दर्जा दिया गया। अपने प्रभाव को और गहरा करते हुए, कंपनी ने महत्वाकांक्षी 2030 सतत लक्ष्यों को अपनाया है जो जलवायु कार्रवाई, जैव विविधता, जल प्रबंधन, चक्रीयता और समावेशी विकास को लक्षित करते हैं। कंपनी 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो बनने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। विशेष रूप से, हिंदुस्तान जिंक पहली भारतीय धातु और खनन कंपनी थी जिसने विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) के लक्ष्यों को 1.5 डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग सीमा के अनुरूप मान्य किया था। कंपनी ने उत्पादन बढ़ाते हुए 2020 के बेसलाइन की तुलना में वित्त वर्ष 25 में जीएचजी उत्सर्जन की तीव्रता में 15 प्रतिशत की कमी की है। हिन्दुस्तान जिंक के पास पर्यावरण उत्पाद घोषणा (ईपीडी) सत्यापित पोर्टफोलियो है, जो उत्पाद-स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
आईसीएमएम की सदस्यता हिन्दुस्तान जिंक की वैश्विक स्तर पर जिम्मेदार खनन के लिए एक बेंचमार्क के रूप में भूमिका को और मजबूत और नैतिक संसाधन विकास के भविष्य को आकार देने में भारत की आवाज को बुलंद करती है।

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