उदयपुर। अत्याधुनिक कैंसर केयर में अग्रणी अपोलो कैंसर सेंटर ने फेफड़ों के कैंसर का आरंभिक स्तर पर एवं जल्दी से पता लगाने के लिए भारत का पहला लंगलाइफ स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू किया है। इस अभूतपूर्व पहल का उद्देश्य फेफड़ों के कैंसर से लडऩा है, जो भारत में सभी प्रकार के कैंसरों का 5.9 प्रतिशत तथा कैंसर से संबंधित मौतों का 8.1 प्रतिशत कारण है। कैंसर का शीघ्र पता लगने से बेहतर उपचार परिणाम प्राप्त होता है तथा जीवित रहने की दर बढ़ जाती है। लंगलाइफ स्क्रीनिंग प्रोग्राम का लक्ष्य ऐसे व्यक्तियों के लिए है, जिनमें फेफड़े के कैंसर का जोखिम सबसे अधिक है, जैसे कि- 50 से 80 वर्ष की आयु के लोग, असिम्प्टोमैटिक (फेफड़ों के कैंसर का कोई संकेत या लक्षण नहीं), धूम्रपान का महत्वपूर्ण इतिहास वाले व्यक्ति और फेफड़े के कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाले लोग।
डॉ. राहुल जालान, कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल्स, अहमदाबाद ने कहा कि फेफड़ों का कैंसर विश्व स्तर पर सबसे घातक कैंसरों में से एक है, लेकिन समय पर पता लगने से बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। हमारे लंगलाइफ स्क्रीनिंग प्रोग्राम के माध्यम से, हमारा लक्ष्य, एडवांस्ड लो-डोज़ टेक्नोलोजी का उपयोग करके उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की शीघ्र पहचान करना है, जो निदान परिशुद्धता को अधिकतम करते हुए रेडिएशन जोखिम को न्यूनतम करता है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए प्रभावशाली है जिनका धूम्रपान, पेसीव धूम्रपान या फेफड़ों के कैंसर का पारिवारिक इतिहास रहा है। फेफड़ों के कैंसर का उपचार योग्य अवस्था में पता लगाकर, हम रोगियों को बेहतर उपचार परिणामों के साथ सशक्त बनाते हैं और स्वस्थ भविष्य के लिए नई आशा का निर्माण करते हैं।
डॉ. आकाश शाह, कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल्स, अहमदाबाद ने कहा कि अपोलो कैंसर सेंटर के लंग-लाइफ स्क्रीनिंग प्रोग्राम की शुरुआत भारत में फेफड़ों के कैंसर के खतरनाक रूप से बढऩे की समस्या से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस व्यापक स्क्रीनिंग प्रोग्राम के साथ, हम प्रारंभिक चरण में पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जहां प्रभावी उपचार और ठीक होने की संभावना कई गुना अधिक होती है। यह कार्यक्रम अत्याधुनिक लो डोज़ सीटी स्कैन का लाभ उठाता है, जिससे मरीज की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सटीक निदान सुनिश्चित होता है। साथ मिलकर, हम न केवल कैंसर का इलाज कर रहे हैं, बल्कि समय पर हस्तक्षेप और व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुरूप समग्र देखभाल के ज़रिए जीवन बदल रहे हैं। डॉ. रुशित शाह, कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल्स,अहमदाबाद ने कहा कि फेफड़ों का कैंसर एक मूक खतरा है, जिसका पता अक्सर तब चलता है जब यह काफी बढ़ चुका होता है, इसलिए इसका समय पर पता लगाना महत्वपूर्ण हो जाता है। लंग-लाइफ स्क्रीनिंग प्रोग्राम की शुरुआत के साथ, अपोलो कैंसर सेंटर, फेफड़ों के कैंसर की देखभाल के दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।
अपोलो कैंसर सेंटर में भारत के पहले ‘लंगलाइफ स्क्रीनिंग प्रोग्राम’ की शुरुआत
In partnership with Rajasthan State Pollution Control Board,RLG to undertake IEC Awareness & Collect...
Young talent from Bhilwara, Harshit Vyas elevated to Chief Operating Officer - Franchise Business at...
Zinc Kaushal Kendra Helping India’s Youth toPrepare for a Brighter Tomorrow
RUNAYA ANNOUNCES JOINT VENTURE WITH MINOVA
जेके टायर के कांकरोली प्लांट ने नेशनल वाटर अवार्ड जीता
पेटीएम ने पेश किया एलपीजी सिलिंडर बुकिंग पर 1,000 तक का रोमांचक कैशबैक ऑफर
Amway Launches Chyawanprash by Nutrilite
रेनेडी सिंह, ओइनम बेमबेम देवी तथा शाजी प्रभाकरन ने किया जिंक फुटबॉल अकादमी का दौरा
सखी महिलाएं अपने उत्पादों को समृद्ध कर उद्योग का रूप दे- सुनील दुग्गल
VEDANTA CARES FOCUSED ON WELFARE OF COMMUNITIES, CSR SPEND JUMPS TO INR 331 CR IN FY 2021
हिन्दुस्तान ज़िंक के तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा
Nilon's hassle-free and nutritious Ginger Garlic Paste make your dishes more tasty and healthy