पूरे विश्व में भामाशाह दानवीर के पर्याय के रूप में सुचर्चित

-महावीर युवा मंच द्वारा दानवीर शिरोमणि भामाशाह को पुष्पांजलि-
उदयपुर (Udaipur)।
महावीर युवा मंच (Mahavir Yuva Manch) द्वारा सोमवार को हाथीपोल स्थित भामाशाह सर्कल पर दानवीर भामाशाह ( Bhamashah) की 474वीं जयंती कोरोना प्रोटोकोल के साथ मनाई गई। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व गृहमंत्री एवं शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया थे। अध्यक्षता महापौर जी. एस. टांक ने की। विशिष्ट अतिथि उपमहापौर पारस सिंघवी, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, पूर्व यूआईटी चैयरमेन रवीन्द्र श्रीमाली, पूर्व महापौर चंद्रसिंह कोठारी, महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक की पूर्व अध्यक्ष किरण जैन, पूर्व प्रधान गिर्वा तख्तसिंह शक्तावत, समाजसेवी गजपालसिंह राठौड़ थे।
इस अवसर पर गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) ने कहा कि जिस समय दानवीर भामाशाह ने अपनी सम्पत्ति का समर्पण किया, उस समय मेवाड़ की स्वतंत्रता और संस्कृति की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप कड़ा संघर्ष कर रहे थे। अर्थ की दृष्टि से महाराणा और सेना के लिए धनाभाव था। तब भामाशाह ने अपना निजी अर्जित धनकोश महाराणा के चरणों में अर्पित कर दिया। कटारिया ने कहा कि भामाशाह दानवीर ही नहीं थे, उन्होंने युद्धवीर के रूप में तलवार उठाकर हल्दीघाटी रणक्षेत्र में सेना का नेतृत्व भी किया।
मुख्य संरक्षक प्रमोद सामर (Pramod Samar) ने कहा कि कोरोना के इस संक्रमण को देखते हुए इस काल में भी अनेक दानीमानी भामाशाह के रूप में जनकल्याणार्थ पीछे नहीं रहे। भामाशाह की जयंती और पुण्यतिथि मनाने का यही उद्देश्य है कि आने वाली हर पीढ़ी में प्रताप और भामाशाह के व्यक्तित्व की प्रभावना बढ़े।
अध्यक्ष डॉ. तुक्तक भानावत (Dr. Tuktak Bhanawat) ने कहा कि ‘वीर शिरोमणि’ के रूप में तो राजस्थान की माटी तो सबके लिए नमनीय है ही पर दानवीरों की दृष्टि से भी इतिहास सदा ही आंखों पर चढ़ा हुआ है। इस कड़ी में भामाशाह का नाम तो ‘दानवीर’ का पर्याय ही हो गया। संकट के समय न केवल समग्र राजकोश की राशि अपितु स्वयं का अर्जित धन भी अपने स्वामी के चरणों में अर्पित करने वाला पूरे विश्व में कोई अन्य उदाहरण नहीं मिलेगा।
महामंत्री हर्षमित्र सरूपरिया ने बताया कि इस मौके पर मंच के अजय पोरवाल, डी. के. मोगरा, ओमप्रकाश पोरवाल, कमल कावडिय़ा, बसंत खिमावत, जयेश चंपावत, रमेश सिंघवी, सतीश पोरवाल, आलोक पगारिया, अर्जुन खोखावत, अरविंद सरूपरिया, अशोक लोढ़ा, भगवती सुराणा, कुलदीप नाहर, नीरज सिंघवी, डॉ. स्नेहदीप भाणावत, प्रमीला एस. पोरवाल, ललिता कावडिय़ा, रश्मि पगारिया, मंजुला सिंघवी, डॉ. सीमा चंपावत मौजूद थे।
भामाशाह जयंती के संयोजक नीरज सिंघवी ने बताया कि समारोह में जनप्रतिनिधि एवं सर्वसमाज के पदाधिकारियों में सर्वश्री सन्नी पोखरना, ललितसिंह सिसोदिया, राजेंद्र परिहार, कमल बाबेल, शैलेन्द्र चौहान, भरत पूर्बिया, देवनारायण धायभाई, जगदीश शर्मा, विजय आहुजा, सिद्धार्थ शर्मा, देवेन्द्र जावलिया, प्रहलाद चौहान, विष्णु प्रजापत, चंचल अग्रवाल, देवेन्द्र साहू, विजय प्रजापत, जितेन्द्रसिंह शक्तावत, मुकुल मेहता, लोकेन्द्रसिंह, कनवर निमावत, महंत अशोक परिहार, देवीलाल सालवी, हेमेन्द्र लौहार, चन्द्रेश सोनी, दलपत सुराणा, नानालाल बया, आकाश वागरेचा, रूचिका चौधरी, सोनिका जैन, छोगालाल भोई, हेमंत बोहरा, कर्णमल जारोली, दिनेश गुप्ता, मुकेश सेठ, प्रवीण मेहता, आनंद पूर्बिया, नरपतसिंह राव, नारायणसिंह चंदाणा, यशवंत भावसार, अंकित सेठ तथा मनोज मेघवाल उपस्थित थे।

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