सनातन वैदिक धर्मसभा 22 से

उदयपुर। आर्य समाज हिरण मगरी, की ओर से दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, मोड़ासा, गुजरात के अधिष्ठाता स्वामी विवेकानन्द परिव्राजकजी महाराज द्वारा चार दिवसीय सनातन वैदिक धर्मसभा में प्रबोधन निम्बार्क महाविद्यालय सभागार में 22 से 25 फरवरी तक होगा। इस आयोजन के संबंध में बुधवार को हिरणमगरी स्थित आर्य समाज भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन हुआ। जिसमें संयोजक गिरीश जोशी एवं अन्य गणमान्य प्रतिनिधियों ने इस आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उदयपुर नगर सहित सर्वत्र धर्मसभा व सत्संग सभाऐं होती रहती है किन्तु वैदिक ऋचाओं व वेद भाष्य के ग्रंथों यथा उपनिषदों, दर्शन शास्त्रों में वर्णित ईश्वर, धर्म, प्रकृति की चर्चा अत्यल्प ही हो पाती है। स्वामी विवेकानन्दजी प्रखर वैदिक विद्वान होने के साथ ही उपनिषदों व दर्शन ग्रंथों के गहन अध्येता व देश के शिरोमणी वैदिक दर्शनाचार्य है। स्वामीजी की शंका समाधान की विशिष्ट शैली श्रोताओं को हटात् आकर्षित करती है, जिसके कारण इनका वर्ष पर्यन्त देशभर में प्रवास लगभग तीन वर्षों का अग्रिम ही नियत होता है। लगभग 10 वर्ष पश्चात  उदयपुर में प्रवास उपलब्ध हुआ है, जिससे उनके शिष्यगणों में अपूर्व उत्साह है।
वस्तुतः सभी मत पंथ सम्प्रदायों व सनातन धर्म में भी प्रश्न पूंछना, धर्मसभा में असहजता का द्योतक समझा जाता है जबकि अधिकांश ग्रन्थ प्रशनोत्तर शैैैली में ही है व स्वामी जी की इसमें महारत है, यही सत्संग का विशेष आर्कषण होता है।

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