उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पिम्स हॉस्पिटल, उमरड़ा में एक अद्वितीय पहल की शुरुआत करते हुए अपनी नवाचारी उन्नत टीएमएस (ट्रांसक्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन) न्यूरोस्टिमुलेशन टेक्नोलॉजी लैब का उद्घाटन किया। लैब का उद्घाटन चैयरमेन आशीष अग्रवाल, शीतल अग्रवाल और अव्य अग्रवाल की उपस्थिति में पिम्स के एक्ज्यूकेटिव डायरेक्टर नमन अग्रवाल द्वारा किया गया।
समारोह में विभिन्न अतिथियों को सम्मानित किया गया। इनमें प्रसिद्ध मनोचिकित्सक और संज्ञानात्मक न्यूरोसाइंटिस्ट प्रोफेसर प्रवीण खैरकर शामिल हैं, जो मनोचिकित्सा और संज्ञानात्मक न्यूरोसाइंस विभाग के प्रमुख हैं। प्रोफेसर खैरकर, प्रसिद्ध बीआईडीएमसी हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से प्रशिक्षित हैं। वे औद्योगिक उन्नति की गहरी ज्ञान की शिक्षा देंगे जिससे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के उपचार में आगे कदम बढऩे की उम्मीद है। तकनीकी टीम का नेतृत्व आईआईटी खडग़पुर के राजेश खैरकर करेंगे जिससे लैब की कार्यक्षमता प्रौद्योगिकीकरण के मौजूदा मानकों में शीर्ष पर रहेगी। प्रिंसिपल सुरेश गोयल ने टीम के सहयोगी प्रयासों की प्रशंसा की।
चिकित्सा मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर डॉ. आर्चिश खिवसेरा ने टीएमसी की प्रमाण-आधारित प्रैक्टिस की व्याख्या की, जबकि मुर्ताजा, सुशील और इंद्रपाल ने रोगियों के प्रोटोकॉल का प्रदर्शन किया। ट्रांसक्रैनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (टीएमसी) मस्तिष्कीय और स्नायुतात्मक विकारों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ब्रेन गतिविधि को संशोधित करके यह गैर-चिकित्सीय न्यूरोमोडुलेशन प्रदान करता है, जो डिप्रेशन, चिंता और अटल दर्द जैसी स्थितियों में सहायक होता है। स्नायुरोग में, टीएमसी स्ट्रोक पुनर्वास और पार्किंसन की बीमारी के प्रबंधन में मदद करता है, और मोटर विकारों को संबोधित करने में सहायक होता है।
उद्घाटन समारोह में पिम्स के फेकल्टी मेम्बर्स, रेजीडेंट्स एवं आरएनटी मेडिकल कॉलेज, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एवं पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चिकित्सक उपस्थित थे। पिम्स उमरड़ा में न्यूरोस्टिमुलेशन टेक्नोलॉजी लैब से एक नया अध्याय जुड़ गया है। यह लैब न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से लड़ रहे व्यक्तियों के लिए आशा की नई किरण बन गई है।