उदयपुर। नब्बे के दशक के मशहूर धारावाहिक चंद्रकांता में क्रूरसिंह की भूमिका से दुनिया भर में मशहूर हुए अभिनेता एक साहित्यिक कार्यक्रम में भाग लेने उदयपुर आए। इस दौरान वीआईएफटी के पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों से बात करते हुए अभिनेता ने कहा कि जीवन में हर काम को ईमानदारी से करें। चाहे वो अभिनय हो, रोजमर्रा के काम हों या फिर पढाई। अगर कला के क्षेत्र में आगे बढना है तो कला की साधना करें। शिव की आराधना करें, क्योंकि उनके डमरू की नाद से 14 सूत्र निकले हैं, जिनमें से कला भी एक है। फिर चाहे वो अभिनय हो, संगीत हो या नृत्य हो। साहित्य, सिनेमा और समाज विषय पर बोलते हुए अखिलेंद्र मिश्रा ने कहा कि पत्रकारिता और सिनेमा की पढाई करने वाले विद्यार्थी साहित्य को गहराई से जानेंगे तभी वे भविष्य में अच्छे सिनेमा का निर्माण कर सकेंगे।
संघ चेयरपर्सन आशीष अग्रवाल ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन में भाग लेने से छात्रों का चहुंमुखी विकास होता है। इस अवसर पर वीआईएफटी के पत्रकारिता विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ओम पाल, अभिषेक सिंह और जर्नलिज्म व मॉस कम्युनिकेशन के विद्यार्थियों ने अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा से समृद्ध सिनेमा एवं साहित्यिक की बारीकियों को भी समझा।