दिनेशकुमार सालवी को पीएच.डी.

उदयपुर। पेसिफिक विश्वविद्यालय ने दिनेशकुमार सालवी को पीएच.डी की उपाधि प्रदान की है। सालवी ने ‘महाकवि कालिदास के खण्डकाव्य में वर्णित भौगोलिक संरचना वर्तमान परिप्रेक्ष्य’ विषय पर डॉ. विमलकुमार जैन के निर्देशन में शोधकार्य किया है। दिनेश वर्तमान में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, चावण्ड में अध्यापक के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
सालवी ने प्रस्तुत शोधप्रबन्ध को पांच अध्यायों में निबद्ध किया है। प्रथम में भारत के भौगोलिक स्वरूप, द्वितीय में खण्डकाव्य का परिचय, तृतीय में मेघदूत एवं ऋतुसंहार में वर्णित भौगोलिक स्वरूप, चतुर्थ में मेघदूत एवं ऋतुसंहार में वर्णित भौगोलिक स्वरूप का भारत के वर्तमान स्वरूप से तुलनात्मक अध्ययन तथा पंचम अध्याय में उपसंहार मूल्यांकित जिसमें पूर्व अध्यायों का समीक्षण सार सम्मिलित किया गया है।
इस दृष्टि से यह शोधग्रन्थ संस्कृत साहित्य में विशेष रूप से कालिदास के खण्डकाव्य ‘मेघदूत एवं ऋतुसंहार’ में वर्णित भौगोलिक संरचना के साथ धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक इतिहास को जानने के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। सारांशत: यह कहा जा सकता है कि संस्कृत साहित्य में खण्डकाव्य और कालिदास के खण्डकाव्यों में वर्णित भौगोलिक संरचना से सम्बन्धित विषयवस्तु के जिज्ञासु अध्येताओं एवं शोधार्थियों को यह शोधग्रन्थ नवीन तथ्यों से अवगत करा सकता है और शोधार्थियों में नवीन दृष्टिकोण विकसित करने में यह सहायक सिद्ध होगा।
उल्लेखनीय है कि सालवी ने संस्कृत, आचार्य (साहित्याचार्य), हिन्दी, भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र आदि में एम.ए. कर रखी है।

Related posts:

130 जरूरतमंदों को राशन किट वितरित

कानोड़ मित्र मंडल, उदयपुर की वर्षाकालीन पिकनिक एवं वरिष्ठजन सम्मान का आयोजन

Hindustan Zinc’s Zawar Group of Mines Shines at the 48th Mines Safety Week

शिव की पूजा आराधना कर झूमे दिव्यांग

हिन्दुस्तान जिंक के देबारी स्थित जिंक कौशल केंद्र में मनाया राष्ट्रीय युवा दिवस

हिन्दुस्तान जिंक का मल्टी मेटल एंटरप्राइज बनना, दोगुना विकास रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा- प्रिया अग्...

पिम्स हॉस्पिटल में बच्चे के हाथ की सर्जरी कर बनाया नया अंगूठा

जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ में महिला दिवस मनाया

एक दिव्यांग के खड़े होने का मतलब परिवार का खड़ा होना 

उद्योगों को दी जा रही सब्सिडी और इंसेंटिव का व्यापारी उठाएं लाभ : गोयल

अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख पहल नंद घरों की संख्या अब 15 राज्यों में 8,000 से अधिक

महाराणा जवानसिंह की 224वीं जयन्ती मनाई