उदयपुर। प्रसिद्ध ऑर्थाेपेडिक और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, डॉ. आशीष सिंघल द्वारा रविवार को फतहसागर पाल पर एक विशेष वॉकाथॉन का आयोजन किया गया। वॉकाथॉन को मुख्य अतिथि एसीबी डीआईजी राजेन्द्र प्रसाद गोयल, डॉ. आशीष सिंघल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वॉकाथॉन में उन मरीजों ने भाग लिया जिन्होंने रोबोटिक्स तकनीक से घुटने की प्रतिस्थापन सर्जरी में सफलता प्राप्त की है। इसका उद्देश्य रोबोटिक तकनीक द्वारा की जाने वाली सर्जरी के अद्वितीय लाभों के प्रति जागरूकता फैलाना था।
वॉकाथॉन के दौरान, मरीजों ने अपनी सफलता की कहानी साझा की और यह दिखाया कि कैसे घुटने की सर्जरी के बाद उनकी जिंदगी बेहतर हुई। रोबोटिक तकनीक के माध्यम से की जाने वाली घुटने की प्रतिस्थापन सर्जरी ने न केवल सर्जिकल सटीकता को बढ़ाया है, बल्कि मरीजों की रिकवरी समय को भी बहुत कम कर दिया है।
डॉ. आशीष सिंघल ने कहा कि रोबोटिक तकनीक ने घुटने के प्रतिस्थापन सर्जरी में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। यह अधिक सटीकता और तेज रिकवरी सुनिश्चित करता है, जिससे मरीजों को जल्दी से अपने सामान्य जीवन में लौटने का अवसर मिलता है। रोबोटिक घुटना प्रतिस्थापन सर्जरी के लाभों में शामिल हैं- सर्जरी की अधिक सटीकता, जिससे बेहतर परिणाम मिलते हैं। कम दर्द और त्वरित रिकवरी, जिससे मरीज जल्दी सामान्य गतिविधियों में वापस लौट सकते हैं। अस्पताल में कम समय बिताना और संक्रमण का खतरा कम होना। सर्जरी के बाद की जटिलताओं का कम जोखिम।
डॉ. एबेल जॉर्ज, फैसिलिटी डायरेक्टर, पारस हेल्थ उदयपुर ने बताया कि जो मरीज घुटने के गंभीर दर्द और आर्थ्राइटिस से जूझ रहे हैं, उनके लिए रोबोटिक तकनीक से घुटने की प्रतिस्थापन सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। इस वॉकाथॉन ने न केवल मरीजों के उपचार की सफलता को मनाया, बल्कि उन लोगों को प्रेरित किया जो घुटने के दर्द से पीड़ित हैं और उन्हें एक दर्दमुक्त जीवन जीने की संभावना दिखायी।